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स्मृति ईरानी को आज़म ने नाम लिए बगैर कहा -12वीं फेल नाचने वाली सुंदरी

azam-khan3लखनऊ। यूपी सरकार के ताकतवर कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां ने केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी पर टिप्पणी कर सियासी गर्मी बढ़ा दी है। बता दें कि सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी इंस्टिट्यूशन की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता है। इससे आजम इतना नाराज हो गए कि वे ये भी भूल गए कि वे जिस पर टिप्पणी कर रहे हैं, वो एक केन्द्रीय मंत्री है।

आजम खां ने मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी का नाम लिए बगैर कहा कि 12वीं फेल नाचने वाली सुंदरी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर कैसे सवाल उठा सकती है। वह किसी टीवी सीरियल की अच्छी अदाकारा तो हो सकती है, लेकिन वह तालीम के हालात को नहीं समझ सकती।

आजम ने बिलारी के रॉयल डिग्री कॉलेज की बुनियाद रखने के दौरान कहा कि केंद्र सरकार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के किरदार को खत्म कर हमारी तालीमगाहों को छीनना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए।

बता दें कि सोमवार को अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जस्टिस सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यूनियन ऑफ इंडिया का यह स्टैंड है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक माइनॉरिटी यूनिवर्सिटी नहीं है। केंद्र सरकार के तौर पर हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य में एक माइनॉरिटी इंस्टिट्यूशन का गठन करते हुए नहीं दिखना चाहते।

आजम खां ने कहा कि आरएसएस और भारतीय संविधान की किताबों में बुनियादी फर्क है। संविधान की किताब देश को जोड़ती है, जबकि संघ की किताब देश को तोड़ने का काम करती है। उन्होंने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है। आजम ने कहा कि दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनाव परिणामों ने बता दिया है कि देश की जनता के बीच भाजपा की क्या हैसियत है। उन्होंने दावा किय कि 2017 के चुनाव में फिर सपा को भारी बहुमत मिलेगा।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय पाठक ने आजम की टिप्पणी पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि आजम मानसिक अवसाद से ग्रस्त हैं। इसलिए वे व्यक्तिगत टीका टिप्पणी कर रहे हैं। मुस्लिम राजनीति में अब उनके पैर उखड़ चुके हैं। उनको उनकी पार्टी में ही साइड लाइन कर दिया गया है। इसलिए वे ऐसे बयानों से चर्चा में बने रहना चाहते हैं। वहीं, संघ के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत मां को डायन कहने वाले आजम से संघ को सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। बेहतर होगा कि वे संघ को पढ़ें और समझें।