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स्टिंग मामले में CBI बोली…मुख्यमंत्री हरीश रावत पेश हों

%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%b6-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a4-1-1नई दिल्ली। कांग्रेस के लिए अचानक से हर तरफ से झटका देने वाली खबरें आने लगी हैं। एक तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आर्थिक अपराध शाखा ने 750 करोड़ रूपये के घोटाले में नोटिस जारी किया है तो वहीं अब उत्तराखंड के कांग्रेसी मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड में सियासी संकट के बाद फिर से मुख्यमंत्री बने रावत को सीबीआई ने समन भेजा है। सियासी हलचल के दौरान एक स्टिंग जारी किया गया था। उसमें कथित तौर पर हरीश रावत विधायकों की खरीद फरोख्त की बात करते हुए दिखाई दे रहे थे। उसी मामले में सीबीआई ने रावत को समन भेज कर 26 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा है। बता दें कि स्टिंग मामले में रावत दो बार पहले भी सीबीआई के सामने पेश हो चुके हैं।

उत्तराखंड में कांग्रेस के विधायकों के बगावत कर देने के बाद सरकार अल्पमत में आ गई थी। उसके बाद लंबी सियासी जंग हुई। बाद में कोर्ट के आदेश पर रावत को बहुमत साबित करने का मौका मिला. बहुमत साबित करने से पहले ही एक स्टिंग ने राज्य की सियासत में भूचाल ला दिया था। एक निजी समाचार चैनल की तरफ से कराए गए इस स्टिंग में मुख्यमंत्री रावत पैसा देकर विधायकों का समर्थन हासिल करने की बात कर रहे थे। जिस शख्स से वो बात कर रहे थे उसका चेहरा साफ नहीं दिख रहा था। बता दें कि इस स्टिंग के वीडियो को कांग्रेस के ही बागी 9 विधायकों ने जारी किया था। इन नेताओं ने आरोप लगाया था कि रावत विधायकों की खरीद-फरोख्त में जुटे हुए हैं। अपनी सरकार बचाने के लिए वो विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए रिश्वत तक का सहारा ले रहे हैं।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार से उसके 9 विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया था। जिसके बाद हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गई थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जमकर सियासी संग्राम हुआ था। मामला कोर्ट तक पहुंचा। उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर मार्च में रावत सरकार को अपना बहुमत साबित करना था। बहुमत साबित करने से ठीक दो दिन पहले ही ये स्टिंग सामने आया। जिसमें मुख्यमंत्री रावत घूस देकर विधायकों का समर्थन हासिल करने की बात कर रहे थे। इस मामले में सीबीआई जांच शुरू की गई। उसके बाद रावत ने विधायनसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया था। फिर से सत्ता में आने के बाद रावत ने सीबीआई जांच की नोटिफिकेशन वापस ले ली थी। हालांकि बाद में कोर्ट के कहने पर सीबीआई जांच फिर से शुरू हुई।

स्टिंग के सामने आने के बाद उत्तराखंड की सियासत में भूचाल आ गया था। बीजेपी ने स्टिंग के माध्यम से कांग्रेस और रावत को घेरने की कोशिश की। तो वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वो चुनी हुई सरकारों को अस्थिर कर रही है। स्टिंग जारी होने के फौरन बाद हरीश रावत ने अपनी सफाई दी। वीडियो में जिस शख्स से वो बात कर रहे थे उसका नाम उमेश शर्मा बताया जा रहा है। रावत ने कहा कि ये स्टिंग फर्जी है उन्हे फंसाने की चाल है। रावत ने कहा कि स्टिंग में जो पत्रकार उमेश शर्मा है उनका काम ही ब्लैकमेलिंग का है। फिलहाल स्टिंग का मामला रावत का पीछा नहीं छोड़ रहा है। अब उन्हे एक बार फिर से 26 दिसंबर को सीबीआई के सामने पेश होना पड़ेगा।