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सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत जारी न करने के मूड में मोदी सरकार

ccs-1नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत सार्वजनिक करने पर भले ही सेना को आपत्ति न हो पर मोदी सरकार सबूत जारी करने के मूड में नजर नहीं आ रही है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी की मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारियों पर चर्चा हुई। हालांकि सरकार ने पहले से तय कर रखा है कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत जारी नहीं किए जाएंगे।

इसके पहले सेना की तरफ से कहा गया था कि हमले के सबूत देने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है पर सरकार का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना की ओर से दी गई जानकारी अपने आप में काफी है, अगर कोई उस पर भरोसा नहीं करना चाहता तो यह उसकी समस्या है। बैठक के बाद गृह राज्य मंत्री किरन रिजूजू ने कहा कि इस मसले पर लोगों को सेना पर भरोसा करना चाहिए और मामला सरकार पर छोड़ देना चाहिए।
हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के संवाददाता ऐश्वर्य कपूर ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी की मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने सुरक्षा से जुड़ी कई अहम जानकारियां साझा कीं। बैठक में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ आंतरिक इलाकों में हालात के बारे में जानकारी दी गई। सूत्रों के मुताबिक डोभाल ने बताया कि इंटेलिजेंस एजेंसियों ने 100 से ज्यादा आतंकवादियों को आइडेंटिफाई किया है और चिंता की बात यह है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आंतकवादी अब नए लॉन्च पैड्स तैयार कर रहे हैं।

मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री वैंकैया नायडू ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत को लेकर गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे लोगों की बात का जवाब देने की सरकार को कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भारतीय को सेना की विश्वसनीयता और प्रतिबद्धता पर शक नहीं है।

वहीं मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और संजय निरुपम सरकार की उपलब्धियों को पचा नहीं पा रहे हैं और इस तरह के बेतुके बयान दे रहे हैं। प्रधान ने कहा कि वे सेना की इज्जत नहीं करते, उन्हें सिर्फ पाकिस्तान के अखबारों में अपने बयान छपने की फ्रिक्र है।

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मांग की है कि मोदी सरकार पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करे। वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने हमले की सत्यता पर सवाल उठाया है।