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सरकार के खिलाफ महाभियोग के लिए 50 सांसद भी नहीं जुटा सकी कांग्रेस

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जोर-शोर से बाहें समेटने वाले राहुल गाँधी को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र के खिलाफ महाभियोग लाने के प्रस्ताव समर्थन न मिलने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग और पीएनबी फ्रॉड को लेकर संसद का बजट सत्र बेहद हंगामेदार रहा. शुक्रवार को बजट सत्र का आखिरी दिन भी टीडीपी सांसदों के हंगामे की भेंट चढ़ गया. ऐसे में सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की कांग्रेस की कोशिश बेकार हो गई.

दरअसल कांग्रेस का होमवर्क बहुत कमजोर रहता है, कांग्रेस ने सोचा था कि चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने की स्थिति में उसे दूसरे दलों का साथ मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी बिना होम वर्क किये मोदी पर हमले किये जा रहे हैं लेकिन जब उनसे सवाल पूछे जाते हैं तो वह बगलें झाँकने लगते हैं. जैसा कि पिछले दिनों कर्नाटक में हुआ जब एक युवती ने राहुल से सवाल किया लिंगायत के मुद्दे पर आप हिन्दुओं को बांटना क्यों चाहते हैं, इस पर राहुल का जवाब था कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है, आप सिद्धारमैया से पूछ लीजिये. हैरान करने वाली बात यह है कि कर्नाटक में जिस बड़े मुद्दे को कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा बनाया, उस मुद्दे पर उसी पार्टी के अध्यक्ष को जानकारी न हो, यह हतप्रभ करता है.

दरअसल कांग्रेस की स्थिति इस समय ‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ जैसी हो गयी है. वह सिर्फ इस बात में खुश हो रही है कौन से मुद्दे पर बीजेपी को नीचा दिखाया जा सकता है, फिर वह मुद्दा कांग्रेस का अपना हो या किसी दूसरे दल का. कांग्रेस इस समय दूसरे दलों की ख़ुशी में ही तसल्ली करनी पड़ रही है. खुद का आधार खिसकता जा रहा है. जमानतें जब्त हो रही हैं, लेकिन दंभ नहीं जा रहा है.

जब पिछले साल सुप्रीम कोर्ट विवाद पर चार सीनियर जजों के सामने आने के बाद से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) दीपक मिश्रा की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं. उसके बाद विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस सीजेआई के खिलाफ ससंद के बजट सत्र में ‘महाभियोग प्रस्ताव’ लाने की तैयारी कर रही थी. लेकिन, पार्टी अंदरूनी मतभेद और बाकी दलों का समर्थन नहीं मिलने के कारण महाभियोग प्रस्ताव लाने में नाकाम रही.

दरअसल, शुक्रवार के बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा और राज्यसभा में बहुत हंगामा हुआ. जिसके बाद दोनों सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. आज बजट सत्र का आखिरी दिन भी था. बिना 50 सांसदों के समर्थन के कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष महाभियोग प्रस्ताव के लिए नोटिस नहीं दे सकती थी. बता दें कि कांग्रेस ने 28 फरवरी को सीजेआई के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव का ड्राफ्ट बनाया था. इसकी कॉपी एनसीपी समेत कई दलों को बांटी भी गई थी. लेकिन, पहले सीपीएम, फिर टीएमसी और बाद में बाकी दलों के नेता महाभियोग प्रस्ताव से पीछे हटने लगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सूत्रों का कहना है कि कपिल सिब्बल के अलावा कांग्रेस के ज्यादातर लॉ मेकर्स महाभियोग प्रस्ताव के खिलाफ थे. इस मसले को लेकर पार्टी के कई लॉमेकर्स ने राहुल गांधी के सामने अपनी बात भी रखी थी. इन नेताओं ने आशंका जाहिर की थी कि इस वक्त महाभियोग प्रस्ताव लाने से संभव है कि उसका पार्टी पर ही गलत राजनीतिक असर पड़े. उधर, बाकी दल भी महाभियोग प्रस्ताव से पीछे हट रहे थे. ऐसे में आखिरकार कांग्रेस ने सेफ खेलने का फैसला लिया और सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव से खुद ही पीछे हट गई. लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे, क्योंकि अब यह मुद्दा एक तरह से खत्म हो चुका है.