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समूचा विपक्ष विखराव की ओर, लालू की रैली से मायावती के बाद अब लेफ्ट पार्टियों ने भी पल्ला झाड़ा

नई दिल्ली/कोलकाता। राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव की ओर से 27 अगस्त को पटना में विपक्षी एकजुटता दिखाने के लिए आयोजित होने वाली रैली ने लेफ्ट पार्टियों को असमंजस में डाल दिया है। लालू ने ‘बीजेपी हटाओ-देश बचाओ’ के नारे के साथ इस रैली के आयोजन की तैयारियां तेज कर दी हैं। इस रैली को बीजेपी के खिलाफ एकजुटता दिखाने का प्रयास माना जा रहा है, लेकिन वामपंथी पार्टियां ममता बनर्जी और करप्शन के आरोप झेल रहे अन्य नेताओं के साथ मंच नहीं साझा करना चाहतीं। इसके अलावा बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भी इस रैली से दूरी बनाने के संकेत मिल रहे हैं।

वामपंथी पार्टियां भ्रष्टाचार के आरोपो में घिरे नेताओं के साथ मंच साझा करने में हिचकिचा रही हैं, ऐसे में कोई नहीं जानता कि ये दल इस रैली में उपस्थिति दर्ज कराएंगे या नहीं। हालांकि बीते गुरुवार को ही शरद यादव की ओर से संसद भवन में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में वामपंथी दल मौजूद थे, लेकिन लालू की इस रैली से लेफ्ट पार्टियां किनारा कर सकती हैं। कई क्षेत्रीय दलों के अलावा कांग्रेस ने इस रैली में मौजूदगी की पुष्टि की है। आरजेडी के एक नेता का कहना है कि इस रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं।

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इस बारे में उनकी पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। येचुरी ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, ‘सभी 6 वामंपथी दल मीटिंग करेंगे और उसके बाद आखिरी फैसला लिया जाएगा।’ हालांकि सूत्रों का कहना है कि सीपीएम के कई नेता इस रैली में भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे नेताओं के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते।

मायावती के शामिल होने पर भी बना है संशय
रविवार को बीएसपी के नाम से बने एक ट्विटर अकाउंट से एक पोस्टर जारी किया गया था, जिसमें मायावती और अखिलेश को साथ दिखाया गया था। हालांकि कुछ घंटों के बाद ही बीएसपी ने इस ट्वीट को फर्जी करार देते हुए कहा कि हमारा ट्विटर अकाउंट ही नहीं है। यही नहीं पार्टी ने 27 अगस्त की रैली में मायावती के शामिल होने के बारे में भी अब तक स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा है।