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BIG BREAKING संघ पदाधिकारियों ने बताया- राम लाल हो सकते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री

नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री हैं रामलाल। । संघ और भाजपा के बीच पुल का काम यही करते हैं। यूं तो मीडिया व पार्टी नेताओं में सीएम दावेदार के रूप में इनका नाम अभी प्रचारित नहीं हुआ है। मगर कुछ संघ पदाधिकारियों से आज बात हुई तो उन्होंने रामलाल की दावेदारी के भी संकेत दिए हैं। रामलाल पश्चिम यूपी के प्रचारक भी रह चुके हैं।

यूपी की नस-नस से वाकिफ हैं। संघ व भाजपा इन्हें संगठन का संकटमोचक मानता है। परेशानी भरे सूबों को संभालने के लिए हमेशा मोर्चे पर लगाया जाता है। हरियाणा, महाराष्ट्र में खट्टर और फडणवीस की तरह मोदी-शाह रामलाल का नाम भी सामने लाकर चौंका सकते हैं। यही उम्र इनकी 64 साल है, जो थोड़ा माइनस प्वाइंट हैं। बाकी तेजतर्रार व डिलीवरी देने वाले शख्स हैं। मोदी जब किसी सूबे में सरकार बना लेते हैं सीएम का चेहरा तलाशने में तीन चीजें देखते हैं। नंबर एक-वह भरोसे का आदमी हो, नंबर दो-ईमानदार हो और नंबर तीन-वो डिलीवरी करने वाला हो।

ऐसा आदमी जब उन्हें मिल जाता है तो वे सीएम बनाने में हर परंपरा तोड़ने से बाज नहीं आते। क्या किसी ने कभी सोचा था कि जाटों के हरियाणा में खट्टर जैसा गैरजाट सीएम बनेगा। महाराष्ट्र में पहली बार फडणवीस जैसा कोई ब्राह्मण मुख्यमंत्री बन जाएगा। वहीं झारखंड में कोई रघुवर दास जैसा गैरआदिवासी पहली बार मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रचेगा। मगर मोदी और शाह हमेशा चौंकाने वाले फैसले लेते हैं, उन्हें काम का आदमी चाहिए, भले ही वह जातीय समीकरणों के खांचे में फिट न बैठता हो। चूंकि यूपी में जनादेश प्रचंड है तो भाजपा सरकार पर काम करने का दबाव भी जबर्दस्त है। जनता की उम्मीदों की परीक्षा में पास होने के सिवा कोई चारा ही नहीं है।

भाजपा के पास अब कोई बहाना नहीं बचा है। बहुमत है, केंद्र में राज्य सरकार है। अपना राज्यपाल है। विकास और साफ-स्वच्छ प्रशासन चलाने के लिए सब कुछ है। यानी विक्टिम कार्ड खेलने का कोई मौका नहीं है। यही वजह है कि मोदी-शाह को जबर्दस्त आदमी चाहिए। खांटी संघी ही यह दायित्व निभा सकता है। क्योंकि घाट-घाट का पानी पीने की उसी में क्षमता होती है। मुख्य धारा की राजनीती में ज्यादा समय बिताने के बाद नेता ईगो वाले और आरामतलब हो जाते हैं।

ऐसे में संगठन से ही किसी शख्सियत के सीएम बनने की चर्चा को बल मिल रहा है, भले ही वह संसद या विधानसभा का सदस्य न हो। हो सकता है कि रामलाल ही वो अप्रत्याशित चेहरा न साबित हो जाएं, जिसकी तलाश हर किसी को है। हालांकि संघ पृष्ठिभूमि से आने वाले अन्य नेताओं में यूपी भाजपा के सह प्रभारी शिवप्रकाश व प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल का भी नाम चल रहा है।