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शामली दंगा: पुलिस लापरवाही से गायब हुई 3 लाशें

UP-POLICE20लखनऊ। शामली दंगे के दौरान कांधला इलाके में मिली तीन लाशों को कब्जे में ना लेने वाले एक दारोगा समेत पांच पुलिस वालों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करवाई गई थी। मीमला गांव के पास जंगलों में मिले यह तीनों शव रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गए थे। यह सूचना एक आरटीआई के जवाब में एसपी शामली ने राज्य सूचना आयोग और आवेदक को दी है।

दिल्ली निवासी मंगला वर्मा ने आरटीआई के जरिए एसपी शामली से सितंबर 2013 में वहां हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सूचना मांगी थी। पूछा था कि इस दौरान मिमला (रसूलपुर) गांव के जंगलों में मिली लाशों की सूचना पर कौन-कौन पुलिसकर्मी मौके पर गए थे? जवाब ना मिलने पर आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में अपील की।

एसपी को किया तलब

राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने बताया कि सुनवाई के बाद उन्होंने एसपी शामली को 30 दिनों के अंदर मांगी गई सूचना देने के आदेश दिए। आयोग ी सख्ती पर एसपी के प्रतिनिधि के तौर पर इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह राघव ने आयोग में आकर सूचनाएं मुहैया करवाईं।

जानकारी दी कि लाशों की सूचना पर कांधरा थाने के दारोगा केके शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल हरनंद सिंह, कॉन्स्टेबल मनोज कुमार और रविन्द्र कुमार मौके पर गए थे। लाशों को कब्जे में लेने के बजाय इन्होंने गांव वालों से इसकी लिखा-पढ़ी करने को कहा और वापस लौट गए। सुबह जब पुलिस मौके पर पहुंची तो लाशें नहीं मिलीं। जांच में इन चारों के साथ थाने पर तैनात कॉन्स्टेबल मोहम्मद राशिद भी दोषी पाए गए। जांच के बाद पांचों को निलंबित कर दिया गया।