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वे दो ‘चमत्कार’ जिनसे संत बनीं मदर टेरेसा

miracaleकोलकाता। रविवार को वैटिकन सिटी में मदर टेरेसा को संत की उपाधि दे दी गई है। आपको बताते हैं मदर टेरेसा के उन दो ‘चमत्कारों’ के बारे में जिनसे वह संत बनीं। पश्चिम बंगाल की ‘मिरेकल वुमन’ मोनिका बेसरा मदर टेरेसा को अपनी जीवन रक्षक मानती हैं। मोनिका बेसरा उन दो ‘चमत्कारों’ से से एक और सबसे पहली हैं, जिनके बाद मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी जा रही है।

मुंबई मिरर को दिए इंटरव्यू में मोनिका बेसरा कहती हैं कि वह (मदर टेरेसा) मेरी भगवान हैं। 18 साल पहले 1998 में बेसरा को गर्भाशय के कैंसर से पीड़ित होने का पता चला था। बीमारी बढ़ चुकी थी, मौत का इंतजार था। पश्चिम बंगाल के साउथ दिनजापुर जिले की रहने वाली इस आदिवासी महिला के मुताबिक तब उसने मदर टेरेसा की तस्वीर की पूजा शुरू की।
बेसरा का दावा है कि मेदर टेरेसा की तस्वीर को पूजने से उसकी बीमारी आश्चर्यजनक तरीके से ठीक हो गई। बेसरा अब अपने पति, बेटों, बहुओं और पोते के साथ रहती हैं। बेसरा खुद के खेतों के अलावा कभी-कभी दूसरे के खेतों में भी काम करती हैं।

बेसरा कहती हैं, ‘मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं। जब मेरा इलाज चल रहा था तब मेरे परिवार ने 6 बीघा जमीन रेहन पर रखा था। उसमें से 4 बीघे जमीन छुड़ा ली गई है।’ बेसरा के मुताबिक मिशनरीज ने उनके बेटे की पढ़ाई में मदद की। वे उनके एक बेटे को ‘ब्रदर’ बनाकर बंदेल चर्च ले गए। उनके पति सेल्कू मुर्मू कहते हैं, ‘हमारे बच्चों को मुफ्त में शिक्षा मिली। हम चैरिटी के शुक्रगुजार हैं।’ चैरिटी ने इस परिवार को एक पक्का घर भी बना कर दिया।

हालांकि वैटिकन इस महिला के ठीक होने को चमत्कार मानता है, लेकिन कुछ डॉक्टरों ने उनके मेडिकल ट्रीटमेंट से ठीक होने का दावा किया था। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें ट्यूमर नहीं बल्कि सिस्ट था, जो कि लंबे समय तक चले टीवी के इलाज के बाद ठीक हो गया।

मदर टेरेसा के दूसरे चमत्कार का कनेक्शन ब्राजील से है। दिसंबर 2008 में मार्सिलियो नाम का एक शख्स वायरल ब्रेन इंफेक्शन की वजह से कोमा में चला गया। जब उम्मीदें खत्म हो गईं तब उनकी पत्नी कैथोलिक पादरी की शरण में गई। पादरी ने उन्हें मदर टेरेसा से प्रार्थना करने को कहा। मार्सिलियो की पत्नी फर्नान्डा के मुताबिक मदर टेरेसा की प्रार्थना की वजह से ही बीमारी ठीक हुई।