www.puriduniya.com नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि सने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दिवंगत शोध छात्र रोहित वेमुला के भाई को अनुकंपा के आधार पर जो नौकरी की पेशकश की थी, उसमें उन्होंने कोई रुचि नहीं जताई। रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी।
दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की बेंच को बताया कि रोहित के भाई ने उसकी तरफ से दी गई नौकरी में रुचि नहीं दिखाई। इसके साथ ही सरकार ने रोहित के भाई को नौकरी का ऑफर देने के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका को भी रद्द करने का आग्रह किया।
वकील अवध कौशिक ने रोहित के भाई वेमुला राजा चैतन्य कुमार को ग्रुप ‘सी’ की नौकरी और साथ ही सरकारी घर देने के ‘आप’ सरकार के 24 फरवरी के फैसले को यह कहते हुए चुनौती दी है कि यह अवैध, मनमाना और राजनीति से प्रेरित है। दिल्ली सरकार के वकील गौतम नारायण ने बेंच को सूचित किया कि वेमुला के भाई ने हमें लिखा है कि वह अनुकंपा के आधार पर दिया गया जॉब नहीं चाहते हैं। इसलिए यह याचिका निराधार हो जाती है।
बहरहाल, अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिका में लगाए गए आरोपों पर अदालत के समक्ष पेश अपनी बातों को दो हफ्तों के अंदर एक संक्षिप्त हलफनामे में पेश करे। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 13 जुलाई की अगली तारीख मुकर्रर की।