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वीजा अवधि मामला: ‘हिंदू’ होने पर मिली केस से राहत

gabbleबेंगलुरु। वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में टिके रहने को लेकर दायर मुकदमे से बांग्लादेशी महिला को ‘हिंदू’ होने के आधार पर राहत मिली है। बेंगलुरु हाई कोर्ट ने पासपोर्ट ऐक्ट में सितंबर 2015 में हुए संशोधन के आधार पर महिला के खिलाफ केस को खारिज कर दिया है। ऐक्ट में संशोधन करते हुए बांग्लादेश से उत्पीड़न के चलते भारत आए हिंदुओं को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

महिला ने दावा किया था कि उसके पिता की इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हत्या कर दी थी। इसके अलावा उनके दादा को पाकिस्तानी ने मौत के घाट उतार दिया था। महिला का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदुओं को लिए स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। मूलत: बांग्लादेश की तापसी दास इन दिनों मैसुरु में रह रही हैं। अपनी याचिका में उन्होंने अदालत से केस खत्म करने की गुहार लगाते हुए कहा था कि उनका परिवार बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों के उत्पीड़न का शिकार रहा है।

तापसी दास के मुताबिक उनके दादा बिजॉय कुमार दास ने देश के विभाजन के बाद अपने पैतृक घर में ही रहने का फैसला लिया था। उनकी 1971 में पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी थी। तापसी ने दावा किया कि उनके घर में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने लूटमार की और परिवार के लोग किसी तरह से वहां से जानबचाकर निकले।