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वाड्रा लैंड डील: विवादों में घिरा जस्टिस ढींगरा आयोग, सरकार से लाभ लेने के आरोप

Vadra1www.puriduniya.com चंडीगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर लगे लैंड डील फर्जीवाड़े के आरोपों की जांच कर रही जस्टिस (रिटायर्ड) एस.एन. ढींगरा आयोग ने 6 हफ्ते का एक्सटेंशन मांगा है। लेकिन कांग्रेस ने जस्टिस ढींगरा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं और उनके चैरिटेबल ट्रस्ट पर सरकार से लाभ उठाने का आरोप लगाया है।

सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस ढींगरा ने प्रदेश के मुख्य सचिव को मेसेज भेजकर बताया है कि गुड़गांव में कमर्शल कॉलोनी डिवेलप करने के लिए जारी हुए लाइसेंसों के मामले में कुछ अफसरों के नाम सामने आए हैं और कुछ को फायदा पहुंचाने की बात भी पता चली है। लिहाजा वह रिपोर्ट सौंपने से पहले इन बिंदुओं पर पूरी पड़ताल करना चाहते हैं। लेकिन एक्सटेंशन नहीं मिलता तो उन्हें नए डॉक्युमेंट्स की स्टडी किए बिना रिपोर्ट सबमिट करने दी जाए।

बता दें कि आयोग की जांच के दायरे में वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी समेत अन्य नामचीन कंपनियों को कमर्शल कॉलोनी डिवेलप करने को दिए गए लाइसेंस की सचाई पता लगाना है। आयोग का कार्यकाल गुरुवार को खत्म हो रहा था। आरोप है कि जस्टिस ढींगरा गोपाल सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन हैं, जिसका पटौदी रोड स्थित सारीखुद जटौला गांव में एक प्ले स्कूल बन रहा है।
ढींगरा ने 8 दिसंबर 2015 को गुड़गांव के डीसी को सड़क बनवाने के लिए लेटर लिखा था। डीसी ने इसे अर्जेंट बताते हुए उसी दिन सड़क को जिला प्लान में शामिल कर दिया। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने भी सड़क के लिए 95 लाख रुपये मंजूर कर दिए।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जस्टिस ढींगरा ने सरकार से फायदा उठाया है, जबकि आयोग के चेयरमैन के नाते वह ऐसा नहीं कर सकते। ऐसे में उनकी रिपोर्ट पर यकीन नहीं किया जा सकता है। इस बारे में जस्टिस ढींगरा ने कहा कि प्ले स्कूल बनने से बच्चों समेत गांव के लोगों को सड़क मिल जाएगी। यह जनहित का काम है।