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लोया केस: SC में सुनवाई के दौरान अमित शाह के नाम पर वकीलों के बीच हुई तीखी बहस

नई दिल्ली। सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई करने वाले जज लोया की संदिग्ध मौत पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने की. इस दौरान सुनवाई में कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया. SC ने सभी हाईकोर्ट में चल रही लोया मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी है और सभी केस को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने को कहा है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट में एक मुद्दे पर काफी हंगामा भी हुआ. दरअसल, याचिकाकर्ता दुष्यंत दवे ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से हरीश साल्वे के पैरवी करने का विरोध किया. दवे ने सुनवाई के दौरान कहा कि साल्वे ने पहले अमित शाह की ओर से इस मामले में पैरवी की थी और अब महाराष्ट्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे हैं. ये गलत है.

इस पर साल्वे ने कहा कि हमें आपके उपदेश की जरूरत नहीं है. इस मुद्दे पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले पर आप अपने विवेक से फैसला लें, कोर्ट में कोई दखल नहीं करेगा.

सुनवाई में किसने क्या कहा?

जस्टिस चंद्रचूड़ – अभी तक की रिपोर्ट को देखते हुए यह एक प्राकृतिक मौत है.

हरीश साल्वे – जब पेपर्स के अनुसार ये एक प्राकृतिक मौत है, तो फिर अमित शाह का नाम इसमें क्यों आ रहा है. हमें याचिकाकर्ता से किसी तरह की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.

दुष्यंत दवे- इस मामले पर सरकार का जो रुख रहा है, वह सही नहीं है. हो सकता है कि ये एक प्राकृतिक मौत हो, लेकिन परिस्थिति को देखते हुए शक की गुंजाइश है. लिहाजा जांच लाजिमी है.

बता दें कि सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट यह कहती हैं कि जज लोया की मौत संदिग्ध थी. लेकिन अभी तक की रिपोर्ट में ये माना गया है कि ये मौत प्राकृतिक ही थी.

सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी भी हाईकोर्ट में अब जज लोया से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं होगी. बॉम्बे हाईकोर्ट में जो दो याचिकाएं पेंडिंग हैं, उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षकारों से कहा है कि वे अपने दस्तावेज सीलबंद कर कोर्ट को सौंपे. मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी, दोपहर दो बजे होगी.