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लखनऊ के सारे पेट्रोल पंप हड़ताल पर गए, एसटीएफ के छापों से नाराज पेट्रोल पंप मालिक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्‍पेशल टास्‍क फोर्स (एसटीएफ) के पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा रिमोट और चिप के जरिए ईंधन चोरी के खुलासे और रोजाना छापेमारी के बाद सोमवार की रात लखनऊ के सभी पेट्रोल पंप हड़ताल पर चले गए. एसटीएफ के छापों से नाराज लखनऊ के पेट्रोल पंप मालिकों ने हड़ताल की घोषणा की. लखनऊ में 150 से ज्‍यादा पेट्रोल पंप हैं. लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोशिउशन लोगों ने बताया कि यूपी पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन भी पूरे यूपी में मंगलवार से हड़ताल का ऐलान कर सकती है. लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी सुधीर वोरा का कहना है, ‘यह हड़ताल नहीं हमारी मजबूरी है क्‍योंकि पेट्रोल पंप पर काम करने वाले सारे कर्मचारियों ने एसटीएफ के डर से काम करने से इनकार कर दिया है.’

गौरतलब है कि एसटीएफ ने 27 अप्रैल से छापेमारी शुरू की थी. अब तक 14 पेट्रोल पंपों पर छापा मारा जा चुका है और तकरीबन सभी में चोरी पाई गई है. पेट्रोल पंपों पर छापे मारने की शुरुआत एक शख्‍स की गिरफ्तारी के बाद हुई जिसने बताया कि उसने पेट्रोल चोरी में इस्‍तेमाल होने वाली एक हजार इलेक्‍ट्रॉनिक चिप्‍स पेट्रोल पंपों में लगाई है. एसटीएफ का अनुमान है कि चिप लगे पेट्रोल पंपों से औसतन 12 से 15 लाख रुपये महीने के पेट्रोल की चोरी होती है.

इस तरह सिर्फ एक आदमी जो पकड़ा गया है, उसके लगाए हुए चिप से करीब 150 करोड़ रुपये महीने की पेट्रोल चोरी हो रही है. यूपी में 6000 पेट्रोल पंप हैं जिनमें तकरीबन 60000 नोजल हैं. पकड़े हुए शख्‍स का कहना है कि 90 फीसद से ज्‍यादा पेट्रोल पंपों पर चोरी हो रही है और उसने यह काम दिल्‍ली के किसी एक्‍सपर्ट से सीखा है जहां बड़े पैमाने पर पेट्रोल की चोरी होती है. चिप लगे हुए पेट्रोल पंपों पर स्‍टाफ सुबह ही रिमोट का बटन दबा देता है और उसके बाद जब तक पंप खुला रहता है, हर लीटर पर 50 ml से 100 ml तक पेट्रोल चोरी कर लिया जाता है. मिसाल के लिए अगर किसी ने अपनी कार में 35 लीटर पेट्रोल डलवाया तो उसे करीब 3 लीटर पेट्रोल का नुकसान हो जाएगा.

पेट्रोल पंपों पर पड़े छापों में एसटीएफ ने चार पेट्रोल पंप मालिकों और दो दर्जन से ज्‍यादा कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है. कई पेट्रोल पंपों कर्मचारी रिमोट के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार हुए हैं. पेट्रोल पंप एसोसिएशन इसी को ढाल बनाकर हड़ताल पर चली गई है. उनका कहना है कि एसटीएफ के डर से कोई भी कर्मचारी पेट्रोल पंप पर ड्यूटी पर आने को तैयार नहीं है. ऐसे में उनके लिए पंप चलाना मुमकिन नहीं है.