नई दिल्ली। विपक्ष के हमलों से अविचलित मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ‘महिषासुर’ के आपत्तिजनक पोस्टरों और रोहित वेमुला केस से जुड़े अपने दावे के समर्थन में पूरी तरह से तैयार दिख रही हैं। स्मृति का यह भरोसा पुलिस की रिपोर्ट, JNU और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और रजिस्ट्रारों द्वारा दर्ज कराई गई FIR की बुनियाद पर आधारित है।
HRD मिनिस्टर विपक्ष की मांग के मद्देनजर इन दस्तावेजों की पुष्टि और विरोधी दलों के सदस्यों के सामने इन्हें स्क्रूटनी के लिए रखने की पेशकश के लिए भी तैयार हैं। स्मृति का मकसद संसद में अपने बयानों को साबित करना है।
मंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि साल 2014 में कुछ छात्रों ने देवी दुर्गा की गलत संदर्भों में कथित तौर पर जिक्र किए जाने को लेकर FIR भी दर्ज कराया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने JNU प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी थी कि ऐसे कार्यक्रमों से सांप्रदायिक भावनाएं भड़क सकती हैं और कैम्पस में इनका आयोजन रोका जाए।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय उन दस्तावेजों के साथ भी लैस है जिनमें हिंदू देवी-देवताओं का हवाला दिया गया है और धार्मिक मान्यताओं को कमजोर करने की कथित तौर पर कोशिश की गई है।
रोहित के मामले में मंत्री उन सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं कि उस छात्र को स्कॉलरशिप न दिए जाने के आरोपों के उलट नवबंर, 2015 तक छात्रवृत्ति जारी की गई है और उसे निलंबित करने का फैसला लेने वाले बोर्ड में किसी दलित सदस्य न होने का दावा भी गलत है।