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रामगोपाल और आजम का विवादित बयान, बताया हिंदुओं को दंगाई

लखनऊ। कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में नेताओं की बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही. मंगलवार को समाजवादी पार्टी के दो बड़े नेताओं ने सीधे-सीधे पूरे हिंदू समुदाय को दंगाई करार दे दिया. ये विवादित बयान देने वाले समाजवादी पार्टी के थिंक टैंक माने जाने वाले राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और आजम खान हैं. रामगोपाल यादव ने कहा कि कासगंज में हिंदू गोली चला रहे थे और मुस्लिमों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है. वहीं आजम खान ने कहा कि मोदी सिर्फ बहुसंख्यक समाज के युवाओं को नौकरी दें जिससे उनको काम मिले और वो दंगा फसाद न करें.

रामगोपाल यादव ने मैनपुरी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कासगंज में जिला प्रशासन की अनुमति के बिना ही भगवाधारी जुलूस निकाल रहे थे, और मुस्लिम आबादी के बीच पहुंच उन्होंने विवादित नारे लगाए. उन्होंने कहा कि कासगंज में 26 जनवरी के दिन जहां तिरंगा फहराया जा रहा था कि वहां भगवाधारी जबरदस्ती हिंदूवाहिनी का झंडा लगाना चाहते थे, जिसके चलते वहां हिंसा हुई. उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो विदोए में साफ दिख रहा है कि जिसने गोली चलाई वो हिंदू ही था, लेकिन हिंसा का आरोप मुसलमानों पर लगा दिया गया. उन्होंने कहा कि गलत होने के बाद भी सरकार चाहती है कि हम लोग मुंह बंद रख ले, ताकि कुछ लोग नाराज न हो जाएं. 

वहीं आजम खान ने कहा कि वे बराबर मांग कर रहे हैं कि केवल बहुसंख्यक समाज के युवाओं को रोजगार दे दिया जाए जिससे वो काम-धंधे में लग जाएं. थक कर चूर हो जाएं और हथियार फेंक दें. आजम खान पीएम मोदी के पकौड़े वाले बयान पर भी निशाना साधा और कहा कि अधिक से अधिक नौजवान प्रधानमंत्री जी की सलाह पर पकौडा बेचें और पैसा कमाएं. बता दें इससे पहले आजम खान ने मुसलमानों के ज्यादा बच्चे पैदा करने पर भी बेतुका बयान दिया था और कहा था कि उनके पास रोजगार नहीं है तो वे और क्या कर सकते हैं, अधिक बच्चे पैदा करते हैं.

आजम खान के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने पलटवार किया और कहा कि आजम खान और उनकी समाजवादी सरकार ने नौजवानों को निराशा किया. समाजवादी पार्टी की सरकार ने तो अपने कार्यकाल में जाति विशेष का आयोग बना दिया. वो सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं. बीजेपी सरकार ने बेरोजगारों के लिए रोजगार की तमाम योजनाएं दी हैं.