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राजस्थान: ‘गुरु दक्षिणा’ के नाम पर रिश्वत लेता था प्रफेसर

guru jiजयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग प्रमुख पी.के. गोयल ने कथित तौर पर रिसर्च स्कॉलरों से रिश्वत वसूलने के लिए कोई भी तरीका बाकी नहीं रखा। भविष्य खराब करने की धमकी देना हो या फिर गुरु दक्षिणा के नाम पर पैसे मांगना, गोयल ने रिश्वत के लिए हर तरीका आजमाया। भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो ने गोयल को संजय कुमार नाम के एक पीएचडी छात्र से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि स्कॉलरशिप के पैसे देने के लिए संजय द्वारा पेश किए गए बिलों को मंजूरी देने के बदले गोयल ने उनसे रिश्वत की मांग की। अधिकारियों का कहना है कि गोयल 19 जनवरी से ही उनकी निगरानी में था।
बताया जा रहा है कि 19 जनवरी के बाद संजय ने 4 बार गोयल के दफ्तर में जाकर उससे मुलाकात की। एसीबी ने इन मुलाकातों के दौरान दोनों की बीच हुई बातचीत को रेकॉर्ड किया। इस मामले के सामने आने के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलरों से उगाही करने का पर्दाफाश हुआ है।

एसीबी के आईजी दिनेश एम.एन ने कहा, ‘यह काफी चौंकाने वाला वाकया है कि किस तरह इस प्रफेसर ने रिश्वत को इस तरह से लिया कि लगे कि वह शिष्य की ओर से गुरु के लिए एक तोहफा है। उसने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि यह संजय की जिम्मेदारी है कि वह गुरु के प्रति सम्मान दिखाते हुए उसे तोहफा दे।’

गोयल को पकड़ने की योजना बनाने वाले एसीबी के अतिरिक्त एसपी नरोत्तम लाल वर्मा ने बताया, ‘गोयल ने दावा किया कि बाकी छात्र भी उसे ऐसे ही तोहफे देते हैं। उसने हमारे शिकायतकर्ता संजय कुमार को भी इसी तरह तोहफे देने को कहा।’

संजय और गोयल के बीच हुई मुलाकातों में एक बार गोयल ने धमकाया कि संजय का भविष्य उसकी दया पर निर्भर है। अधिकारी ने बताया, ‘गोयल ने धमकी दी कि अगर संजय ने उसे रिश्वत नहीं दी, तो वह उसका पंजीकरण रद्द कर देगा। धमकाने से लेकर भाषण देने और सीख देने का इस्तेमाल कर गोयल ने छात्रों से उगाही करने का हर तरीका इस्तेमाल किया।’

कुछ छात्रों ने एसीबी को बताया कि यूनिवर्सिटी के गाइड उनसे अपने घर के राशन का पैसा भी वसूल करते हैं। यहां तक कि कई प्रफेसर तो मोबाइल रिचार्ज के कूपन भी वसूलते हैं। छात्रों का कहना है कि वह उनके साथ अर्दलियों जैसा बर्ताव करते हैं।

एसीबी की एक टीम ने जवाहर नगर के सेक्टर 5 में स्थित गोयल के घर पर छापा मारकर नकद 4 लाख रुपये और कई अन्य जरूरी कागजात बरामद किया।

मालूम हो कि पी.के. गोयल एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के उपकुलपति के पद की दौड़ में भी शामिल था। उसने इस पद के लिए आवेदन किया था और उपकुलपति की नियुक्ति करने वाली समिति उसके बायोडेटा पर विचार कर रही थी। अगले कुछ दिनों में समिति की ओर से गोयल के पास नियुक्ति के संबंध में सूचना आने वाली थी। एसीबी की इस कार्रवाई से गोयल को कई तरफ से नुकसान हुआ है। अगले कुछ महीने में वह रिटायर होने वाला था। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले फायदों पर भी इस घटना का असर पड़ने की उम्मीद है। गोयल को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया।