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योगी सरकार चेहरा देखकर काम नहीं करती : हरीश श्रीवास्तव (विशेष साक्षात्कार)

पिछली सरकार में मलाई काटने वाले इस सरकार में नहीं चल पायेंगे लिंगदोह समिति की सिफारिशों के आधार पर होने चाहिए छात्र संघ चुनाव (हरीश श्रीवास्तव से विशेष साक्षात्कार)
योगी सरकार के लगभग तीन माह पूरे होने के मौके पर हमारे सहयोगी राजेश श्रीवास्तव ने भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश के मीडिया प्रभारी हरीश श्रीवास्तव से विशेष बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने कुछ सवालों का बेबाकी से जवाब दिया तो कुछ का मुझे जानकारी नहीं है, कहकर बचने की कोशिश भी की। पेश है बातचीत के अहम अंश :
प्रश्न : सपा-भाजपा की सरकार में क्या अंतर देख रहे हैं ?
उत्तर : सपा-भाजपा की सरकार में एक नहीं कई अंतर हैं। इस सरकार में आम आदमी की सुनवाई हो रही है। जिला स्तर पर जिलाधिकारी उनकी शिकायतों का निदान कर रहे हैं तो प्रदेश स्तर पर हर रोज भाजपा मुख्यालय में जन सुनवाई का आयोजन होता है। विधायक व सांसद हर रोज अपनी जनता से दो घंटे बातचीत करते हैं। कोई भी अपनी बात किसी मंत्री से कर सकता है। इस सरकार में महिलायें सुरक्षित हैं। उनके साथ जोर-जबरदस्ती नहीं हो रही है। अधिकारियों को दस से बारह तक रोज अपने कार्यालय में बैठने का निर्देश दिया गया है। प्रश्न : लेकिन अधिकारी अपने कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं ? उत्तर : जो अधिकारी अभी भी पिछली सरकार की कार्यश्ौली से प्रभावित हैं और लचर रवैया अपनाये हैं। उनकी सूची तैयार की जा रही है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
प्रश्न : अभी पिछले दिनों आपके एक मंत्री का गनर सत्ता के हननक पर जबरदस्ती लोहिया अस्पताल में पिस्टल लेकर घुस गया जिसके कारण कई करोड़ की मशीन ठप हो गयी ?
उत्तर : इसमें पार्टी का कोई दोष नहीं है। वह सरकारी कर्मचारी है। भूलवश या अज्ञानतावश वह जबरदस्ती घुस गया। उसको यह नहीं पता था कि उस मशीन रूम में जाने से उसके मंत्री को भी खतरा हो सकता है।
प्रश्न : आपके नेता भी सपा की तरह थाने में जाकर गुंडई कर रहे हैं?
उत्तर : राजेश जी, सरकार अपना काम निष्पक्ष ढंग से कर रही है। सहारनपुर में जिस भाजपा कार्यकताã ने थाने में जाकर बदसलूकी की उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी और गिरफ्तारी भी हुई। हमारी सरकार चेहरा देखकर काम नहीं करती। अगर गलत करते हुए कोई पाया गया तोे उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
प्रश्न : कानून-व्यवस्था लचर है, खुद राज्यपाल ने माना कि अपराध बढ़े हैं ?
उत्तर : योगी सरकार का कानून-व्यवस्था पर रवैया बिल्कुल स्पष्ट है। वह पहले ही दिन से इस पर सख्त हैं। उन्होंने इस मामले पर जीरो टालरेंस की नीति अपना रखी है। कानून-व्यवस्था पर कोताही नहीं बरती जायेगी। पहले उन्होंने यहां से बैठकर निर्देश दिये। मंत्रियों, विधायकों को समझाया। अवैध कब्जे करने वालों को नसीहत दी। अब जिलों-जिलों में जाकर स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। अभी चेतावनी देने का समय है। अगर तय समय में अवैध कब्जे नहीं हटाये गये और अपराध पर नियंत्रण नहीं लगा तो अधिकारियों पर गाज गिरेगी।
प्रश्न : मायावती सरकार ने छात्र संघ चुनावों पर रोक लगायी थी। उसके बाद सपा सरकार आयी। उसने कहा कि चुनाव होने चाहिए। लेकिन नहीं कराया। आप लोग समय-समय पर कहते रहे कि छात्र संघ चुनाव जरूरी हैं। अब जब सरकार बन गयी है तो क्या चुनाव कराये जाएंगे ?
उत्तर : यह बहुत दूर की बात है। अभी शिक्षा सत्र नहीं शुरू हुआ है। जुलाई में सत्र शुरू होगा। जहां तक बात छात्र संघ चुनाव का है। यह तो पार्टी तय करेगी। लेकिन मेरा मानना है कि छात्र संघ चुनाव लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के आधार पर होना चाहिए। छात्र संघ को नेताओं की नर्सरी कहा जाता है। छात्र संघ के चुनाव होना चाहिए। अब पार्टी क्या तय करती है यह देखा जायेगा, अभी फिलहाल इसमें काफी समय है।
प्रश्न : नया सत्र शुरू होने जा रहा है। शिक्षा के माहौल में क्या परिवर्तन आपकी सरकार करेगी ?
उत्तर : मेरा मानना है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए। शिक्षा उपयोगी होनी चाहिए। जिस तरह महंगी शिक्षा के नाम पर अभिभावकों का शोषण हो रहा है। वह नहीं होना चाहिए। फीस पर नियंत्रण के लिये उप मुख्मयंत्री डा. दिनेश शर्मा जी के नेतृत्व में फीस कमेटी बनायी गयी है।
प्रश्न : लेकिन इस फीस कमेटी में ऐसे लोगों को रख लिया गया है जिन्होंने पिछली सरकार में मलाई काटी।
उत्तर : आपका इशारा जिस तरफ है मैं समझ रहा हैं। लेकिन उनका नाम इस कमेटी में कहां से आ गया है मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं इस संबंध मेंं उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री जी से बात करूंगा। दोनों सरकार में बाजीगरी दिखाने वाले नहीं चल पायेंगे।
प्रश्न : आपकी पार्टी ने चुनाव के दौरान बिजली आपूर्ति को मुद्दा बनाया था। योगी जी ने भी सीएम बनते ही कहा कि 24 घंटे बिजली आपूर्ति होगी। लेकिन गर्मी शुरू होते ही सारे दावे फेल हो गये ?
उत्तर : बिजली आपूर्ति मुद्दा गंभीर हैं। हमारी सरकार इस पर बेहद गंभीर रवैया अपनाये हुये हैं। आप बिजली विभाग के प्रमुख सचिव से बात कर सकते हैं। सीएम ने निर्देश दिया है कि ट्रांसफार्मर की गुणवत्ता सुधारी जाये। उनके खराब होते ही तुरंत बदला जाये। जबकि पिछली सरकार में 24 घंटे का समय लगता था। हमारी सरकार ने बिजली आपूर्ति स्टाफ की सक्रियता भी बढ़ायी है। दरअसल गर्मी शुरू होते ही लोड बढ़ जाता है। इसी लिये दिक्कत आयी है लेकिन गांवों में पूरी बिजली मिल रही है। बिजली की कमी नहीं है यह केवल लोड के चलते बाधित होने की समस्या है। जिसे जल्द से जल्द ठीक कर लिया जायेगा।
प्रश्न : आपकी सरकार ने कहा था कि 15 जून तक सड़कें गड्ढामुक्त हो जायेंगी। अब केवल एक सप्ताह श्ोष है ? सड़कें जस की तस ?
उत्तर : अभी कल ही सरकार ने आंकड़ा पेश किया है। उप्र की 6० फीसद सड़कों को ठीक कर दिया गया है। श्ोष सड़कें भी बहुत तेजी से ठीक हो रही हैं। प्रश्न : सर, यह साठ फीसद सड़कें केवल कागजों पर सही हुई हैं? वास्तविक रिपोर्ट कुछ और ही है। आपके कार्यालय के आसपास की रोड ही आपको दुरुस्त नहीं मिलेगी, निकल कर देखिये ? उतर : मैं कहां कह रहा हूं कि सब ठीक हैंं। अगर आपको कोई सड़क खराब दिखे तो बताइये, मैं खुद शिकायत करूंगा। वह ठीक हो जायेगी।
प्रश्न : सूखा राहत के लिए जो पैसा आवंटित किया गया था, वह खर्च नहीं हुआ और आपके अधिकारियों ने सरेंडर कर दिया ? क्या करेंगे ?
उत्तर : इस दिशा में मुख्यमंत्री जी बेहद खफा हैं। उन्होंने ऐसे दस जिलों के जिलाधिकारियों से जवाब-तलब किया है कि वह लिखित जवाब दें कि किसानों को पैसा क्यों नहीं बंटा। जवाब का इंतजार है। लेकिन जो पैसा नहीं बंटा वह भी योगी सरकार कुछ व्यवस्था करके किसानों तक पहुंचायेगी। प्रश्न : हरीश जी, नगरपालिका के चुनाव करीब हैं। पार्टी भारी-भरकम वोटों से जीती है। हर एक प्रत्याशी भाजपा से अपना टिकट चाहता है ताकि उसकी जीत की गारंटी हो, ऐसे में पार्टी के सामने प्रत्याशियों का चयन बेहद मुश्किल होेगा, कैसे करेंगे, आधार क्या होगा? उत्तर : इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है। आवेदन बड़ी संख्या में आ रहे हैं। पैरवी करने वालों की कतारें हैं। लेकिन हम लोग जिलों में जिला स्तर की कमेटी और विधायकों व मंत्रियों की सिफारिश के आधार को मुख्य बनायेंगे और कोशिश होगा कि पार्टी से पुराने जुड़े लोगों कोे टिकट मिले। जिन लोगों को पार्षदी का टिकट मिले वह जमीनी हों।
प्रश्न : जीएसटी लागू हो गयी है। उप्र पर असर ?
उत्तर : उत्तर प्रदेश के व्यापारियों को तो लाभ होगा ही। वह कई तरह के कर देने और तमाम तरह के खाते बनाने से बच सकेंगे। सेल्स टैक्स, इक्साईज ड््यूटी आदि-आदि। वहीं आम उपभोक्ता वस्तुयें भी सस्ती होंगी। एक कर की राह प्रशस्त होगी। चूंकि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है इसलिए यहां पर ज्यादा राजस्व भी आयेगा। इस धन को विकास के मद में खर्च किया जा सकेगा। प्रश्न : इन दिनों छोटे और मंझोले अखबारों पर कार्रवाई चल रही है, कहा जा रहा है कि यह बड़े समूहों की साजिश पर किया जा रहा है ? उत्तर : यह बेवकूफी है। ऐसा क्यों किया जायेेगा। आप खुद बताइयें कि लखनऊ में कितने अखबार छपते हैं। 25-3० अखबार के अलावा तो मैं नहीं देखता, यहां तो सारे अखबार आते हैं। लेकिन कई हजार अखबार कागजों में छपते हैं जो केवल विज्ञापन का कारोबार करते हैं, क्या आप नहीं चाहते कि ऐसे फर्जी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जो समाचार पत्र प्रतिदिन प्रकाशित हो रहे हैं और वास्तव में पत्रकारिता कर रहे हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।