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यूपी में 20 प्रतिशत मत ब्राह्मणों का – यूपी जीतना है तो ब्राह्मणों में बनाओ पैठ : प्रशांत किशोर

pk14लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए लाए गए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पार्टी में ब्राह्मणों को लेकर बहस छेड़ दी है। किशोर ने सुझाव दिया था कि 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को ब्राह्मणों में पैठ बनानी होगी। उन्‍होंने राहुल गांधी समेत अन्‍य आला नेताओं की मौजूदगी में यह सुझाव दिया था। इस सुझाव पर लखनऊ और नई दिल्‍ली में बैठे कांग्रेस नेताओं में तालमेल नहीं बैठ पा रहा है।

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि किशोर का आइडिया है कि बाबरी मामले से पहले ब्राह्मण कांग्रेस का कोर वोट बैंक था। इस पर फिर से ध्‍यान दिया जाए। सूत्रों का कहना है कि किशोर ने बताया कि कांग्रेस के अपर कास्‍ट आधार के चलते ही सपा और बसपा का जन्म हुआ। पार्टी में कुछ नेता उनसे सहमत भी है। उत्‍तर प्रदेश में 10 प्रतिशत जनसंख्या ब्राह्मणों की है। बाबरी मामले तक यह कांग्रेस के पाले में थे लेकिन इसके बाद से भाजपा के समर्थक हैं।

हालांकि लोकनीति सर्वे के अनुसार विधानसभा चुनावों में भाजपा का ब्राह्मण वोट बैंक कम हो रहा है। 2002 (50 प्रतिशत) और 2007 (44प्रतिशत) के बीच इसमें छह प्रतिशत की कमी रही। वहीं 2007 से 2012 (38 प्रतिशत) के बीच छह प्रतिशत की कमी और दर्ज की गई। समाजवादी पार्टी ने 2012 विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनार्इ। उसे ब्राह्मणों के 19 प्रतिशत मत मिले, वहीं बसपा को 19 प्रतिशत वोट मिले। एक नेता के अनुसार इन आंकड़ों ने कांग्रेस के उम्‍मीद जगाई है।

कांग्रेस 27 साल से उत्तर प्रदेश में सत्‍ता से दूर है। पूर्व सांसद और युवा कांग्रेस नेता ने कहा,’ब्राह्मण की वह फल है जिसे कांग्रेस आसानी से तोड़ सकती है। वर्तमान में कांग्रेस के साथ कोई एक विशेष जाति का समर्थन नहीं है। यह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी कमी है। जब तक कि हम कोर वोट बैंक नहीं बनाएंगे तब तक मुस्लिम भी हमारे साथ नहीं आएंगे। वे केवल जीतने वालों को ही वोट देते हैं।’ ब्राह्मण मतों को लेकर किशोर का आइडिया नया नहीं है। सपा, बसपा और भाजपा पूर्वी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलन कराते रहे हैं। यूपी में 20 प्रतिशत मत ब्राह्मणों के हैं।

किशोर के आइडिया के समर्थन करने वाले नेताओं का कहना है कि कांग्रेस को ब्राह्मणों के साथ संबंध सुधारने के लिए काम करना चाहिए। जिससे कि दलितों, ब्राह्मणों और मुस्लिमों को मजबूत गठबंधन बनाया जा सके। हालांकि विपक्षी नेताओं का कहना है कि किशोर का आइडिया राहुल गांधी के कमजोर लोगों पर जोर देने के विचार से मेल नहीं खाता है। एक कांग्रेस नेता ने कहा,’ एक ऐसे राज्‍य में जहां जाति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और समाज को बांटती है। किसी एक जाति या समुदाय को विशेष लाभ केवल टिकट देकर ही दिया जा सकता है। क्या कांग्रेस यह जोखिम लेगी।’ 2007 में मायावती ने 89 ब्राह्मणों समेत 139 सवर्णों को टिकट दिया था।