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यूपी में संगठन और सरकार के बीच अमित शाह का मंथन, कतरे जा सकते हैं कुछ मंत्रियों के पर

लखनऊ। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह  संगठन-सरकार के बीच समन्वय के लिए अपने तीन दिवसीय प्रवास पर शनिवार से सोमवार उत्तर प्रदेश के मंत्रियों और भाजपा पदाधिकारियों के साथ होंगे। वह यहां मिशन 2019 के अभियान की बुनियाद रखने जा रहे हैं। संगठन पदाधिकारियों और यूपी मंत्रिपरिषद के साथ होने वाली बैठकें भाजपा की आगे की राजनीति की दिशा और दशा तय करेंगी। उल्लेखनीय है कि बिहार के घटनाक्रम के बाद होने वाले इस दौरे के समय भाजपा के लिए नई चुनौतियां खड़ी हैं। अमित शाह पहली बार उत्तर प्रदेश में तीन दिन तक प्रवास करेंगे और इस बीच संगठन और सरकार समेत करीब 25 बैठकें प्रस्तावित हैं। वह पहले संगठन की दो महत्वपूर्ण बैठक करेंगे और फिर मंत्रिपरिषद के साथ बैठक होगी।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष का अमौसी एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत होगा। वह आलमबाग, वीवीआईपी चौराहा, कालिदास मार्ग चौराहा, 1090 चौराहा, लोहिया पार्क चौराहा से होकर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान जाएंगे। पार्टी कार्यकर्ता इस दौरान जगह-जगह उनका स्वागत करेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि प्रवास के पहले दिन शनिवार को वह प्रदेश पदाधिकारियों तथा अवध, काशी, गोरखपुर और कानपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों के साथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर में बैठक करेंगे। 30 जुलाई, रविवार को वह साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित करेंगे। संगठन महामंत्री उनके प्रवास कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रहे हैं।

अमित शाह जिस दिन लखनऊ में होंगे, उस दिन प्रदेश सरकार के चार माह दस दिन पूरे हो चुके होंगे। शनिवार को संगठन के जिलाध्यक्षों से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों से गुफ्तगू के बाद वह मंत्रिपरिषद से मुखातिब होंगे। सपा-बसपा के 15 वर्षों के कुशासन से मुक्ति और परिवर्तन के नारों के साथ भाजपा उप्र की जनता का दिल जीतने में जरूर कामयाब रही लेकिन, 325 विधायकों वाली सरकार को जनता की कसौटी पर खरा उतरने के लिए अमित शाह नई मुहिम शुरू कर सकते हैं। संकल्प पत्र के अधिकांश वादों को पूरा करने का सरकार उपक्रम कर चुकी है। शाह सत्ता और संगठन में तालमेल के साथ सबकी जवाबदेही भी तय करने आ रहे हैं। उनका यह दौरा उस समय है जब सूबे में कोई चुनाव नहीं चल रहा है। वह यह संदेश देना चाहते हैं कि सिर्फ चुनावी मौसम में ही उन्हें जनता की सुधि नहीं है।

अमित शाह की मंत्रिपरिषद के साथ होने वाली बैठक को बहुत अहम माना जा रहा है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी में सांसदों ने मंत्रियों की शिकायत की थी। शीर्ष नेतृत्व ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। प्रदेश के कुछ मंत्रियों की गंभीर शिकायत ऊपर तक पहुंची है। शाह इन लोगों को आईना दिखा सकते हैं। वह मंत्रियों के साथ दोपहर का भोज भी करेंगे। शाह ने सहयोगी दलों को भी आमंत्रित किया है। इसके अलावा वह कोर ग्रुप की भी बैठक करेंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में अमित शाह ने मोदी के मिशन की आधारशिला रखी थी। भाजपा तबसे निरंतर सफलता की इबारत लिख रही है। अमित शाह नहीं चाहते कि कहीं से भी माहौल बिगड़े। इसीलिए वह संगठन और सत्ता के संतुलन के साथ ही सबकी जवाबदेही तय करना चाहते हैं। उनकी कसौटी पर सबका कामकाज होगा।