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मोहन भागवत ने केरल में फिर फहराया तिरंगा, ‘लाल’ हुई विजयन की सरकार

 केरल। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर केरल के पलक्‍कड़ जिले के एक स्‍कूल में तिरंगा फहराया है। पिछले साल 15 अगस्‍त यानी स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने इसी स्‍कूल में तिरंगा फहराया था। जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। इस बार भी मोहन भागव‍त के ध्‍वजारोहण को लेकर पिनरई विजयन की सरकार लाल हो गई है। दरअसल, मोहन भागवत के इस कार्यक्रम को रोकने के लिए केरल की सरकार ने एडी चोटी का जोर लगा रखा था। भागवत के केरल दौरे से ठीक पहले राज्‍य सरकार की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया था। जिसमें निर्देश दिया गया था कि केरल के सभी सरकारी आफिस, स्‍कूल और कॉलेजों में तिरंगा सिर्फ विभागाध्‍यक्ष ही फहरा सकते हैं। लेकिन, सरकारी आदेशों को दरकिनार करते हुए पलक्‍कड़ के इस स्‍कूल में वहीं हुआ जो संघ परिवार ने चाहा।

उधर, केरल के मुख्‍यमंत्री पिनरई विजयन के आफिस की ओर से इस विवाद पर स्‍पष्‍टीकरण दिया गया और कहा गया कि ये दिशा-निर्देश केंद्र के वर्तमान नियमों और निर्देशों के आधार पर जारी किए गए हैं। केरल सरकार के निर्देश में कुछ भी नया नहीं है। 15 अगस्‍त से पहले भी केरल की सरकार ने इसी तरह का आदेश जारी किया गया था। इससे पहले मोहन भागवत ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में जातिगत राजनीति को जरुरी बताया था। उनका कहना था कि ये इसलिए भी जरूरी है कि लोग जाति के नाम पर वोट देते हैं। मोहन भागवत का कहना था कि बिना समाज में बदलाव आए देश की राजनीति को नहीं बदला जा सकता है। उनका कहना था कि आराम और प्रतिष्‍ठा कभी स्‍थायी नहीं हो सकते हैं। इसलिए इससे दूर रहने की जरूरत है। मुंबई में आयोजित इस कार्यक्रम के बाद वो केरल के लिए रवान हो गए थे।

शुक्रवार को मोहन भागवत ने सुबह ही केरल के पलक्‍कड़ जिले में उसी स्‍कूल में तिरंगा फहराया जहां पिछले साल 15 अगस्‍त को फहराया था। बीजेपी और संघ परिवार से जुड़े लोगों का कहना है कि देश का हर नागरिक कहीं पर भी तिरंगा फहराने के लिए पूरी तरह स्‍वतंत्र है। वो कहीं भी तिरंगा फहरा सकता और उसका सम्‍मान कर सकता है। कोई भी सरकार ऐसा करने से किसी को रोक नहीं सकती है। दरअसल, पिछले साल भी मोहन भागवत ने राज्‍य सरकार के निर्देशों के खिलाफ पलक्‍कड़ के इसी स्‍कूल में तिरंगा फहराया था। जिसके बाद राज्‍य सरकार ने इस स्‍कूल के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए थे। जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ था। दिसंबर महीने में ही केरल के मुख्‍यमंत्री पिनराई विजयन ने डीपीआई को सरकार द्वारा संचालित पलक्‍कड़ के कर्नाकेयामेन स्कूल के प्रधानाचार्य और प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे।

इसके साथ ही मुख्‍यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्‍य की पुलिस को ये भी पता लगाने को कहा था कि क्‍या इस मामले में स्‍कूल और ध्‍वजारोहण करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। यानी केरल के मुख्‍यमंत्री चाहते थे कि जिन लोगों ने मोहन भागवत को ध्‍वजारोहण के लिए परमीशन दी उनके खिलाफ सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई की जाए। वो भी हर स्‍तर की। दरअसल, केरल सरकार का कहना था कि उन्‍हें उम्‍मीद थी कि राज्‍य में सरकारी सहायता प्राप्‍त स्‍कूल सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक ही स्‍वतंत्रता दिवस के समारोह को आयोजित करेंगे। लेकिन, पलक्‍कड़ के इस स्‍कूल ने एक बार फिर राज्‍य सरकार के आदेशों को धज्जियां उड़ाते हुए मोहन भागवत से इस स्‍कूल में तिरंगा फहरवाया। वैसे भी सरकार के आदेश के मुताबिक कोई भी राजनीति शख्‍स समारोह में ध्‍वजारोहण नहीं कर सकता है। लेकिन, संघ और बीजेपी का कहना है कि मोहन भागवत एक संस्‍था के प्रमुख हैं। वो कोई राजनैतिक व्‍यक्ति नहीं हैं।