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मोदी सरकार की आर्थिक नीति पर राहुल का वार, कहा सरकार बनी तो बदल देंगे GST

बंगलुरू। राहुल गांधी ने कर्नाटक में कारोबारियों से बात करते हुए एक बार फिर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को चुनौती दी है. राहुल ने कहा कि एनडीए सरकार देश में नौकरी के संशाधन पैदा करने में पूरी तरफ से विफल रही है. हालांकि राहुल ने माना कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी नई नौकरी पैदा करने की रफ्तार बेहद सुस्त थी लेकिन उनके मुताबिक मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में विफलता के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

जुमला साबित हुआ लाखों नौकरी का वादा  

राहुल गांधी ने कहा कि जहां पड़ोसी देश चीन एक दिन में 50 हजार नौकरियां पैदा कर रहा है वहीं मोदी सरकार एक दिन में महज 400 नौकरियां ही दे पाने में समर्थ है. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसे समय में कार्यभार संभाला जब आर्थिक ग्रोथ के हिसाब से भारतीय अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत थी लिहाजा ऐसे समय में भी नई नौकरी पैदा न कर पाना सरकार की विफलता को और गंभीर कर देती है.

संघ लेती है आर्थिक फैसले?

राहुल गांधी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने आर्थिक फैसलों के लिए आरएसएस जैसी संस्थाओं पर निर्भर हैं और इसका खामियाजा देश को उठाना पड़ रहा है. राहुल ने दावा कि या आरएसएस की सलाह पर मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया जिससे कालेधन को सफेद करने का रास्ता निकाला जा सके. लिहाजा, नोटबंदी से सिर्फ देश में कालेधन को किनारे लगाने का काम किया गया.

जीएसटी पर नहीं मानी मनमोहन की सलाह ?

मोदी सरकार द्वारा जीएसटी के फैसले को एक बार फिर गब्बर सिंह टैक्स करार देते हुए राहुल ने कर्नाटक में कारोबारियों को समझाया कि क्यों वह जीएसटी को यह तमगा देते हैं. राहुल ने दावा किया कि जीएसटी लागू होने से पहले कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से बात की थी. इस बातचीत में मनमोहन सिंह ने जेटली से जीएसटी लागू करने से पहले एक पायलट प्रोजेक्ट चलाने की बात कही थी जिससे नए टैक्स नियमों को परखा जा सके. लेकिन पर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री सिंह के इस सुझाव को जेटली ने नजदरअंदाज करते हुए जवाब दिया कि प्रधानमंत्री मोदी जीएसटी लागू करने का फैसला ले चुके हैं.

2019 में कांग्रेस सरकार तो बदलेगा जीएसटी?

राहुल ने कहा कि कांग्रेस चाहती थी कि पूरे देश में सिर्फ 18 फीसदी के टैक्स के साथ एक टियर जीएसटी लागू किया जाए और आम आदमी के जरूरत की ज्यादातर उत्पादों पर शून्य जीएसटी लगाया जाए. लेकिन मोदी सरकार ने 5 टियर जीएसटी लगाते हुए देश में कारोबार करना बेहद कठिन कर दिया. राहुल ने कारोबारियों से वादा किया कि यदि 2019 में केन्द्र की सत्ता में कांग्रेस वापसी करती है तो वह जीएसटी को दुरुस्त करने के लिए कड़े फैसले ले सकती है.

फेल हो गई मोदी की विदेश नीति?

राहुल गांधी ने मोदी सरकार की विदेश नीति को विफल करार देते हुए कहा कि मौजूदा समय में देश का सभी पड़ोसी देशों से रिश्ता बेहद खराब हो चुका है. जबकि सरकार को चाहिए था कि वह वैश्विक स्तर पर खुद को और मजबूत करने के लिए पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को सामान्य करने की कोशिश करे. इसका नतीजा आज हमारे सामने है. चीन ने देश के सभी पड़ोसी मुल्कों से खास रिश्ता बनाने में सफलता पाई है. राहुल ने कहा कि सरकार की विफलता का अंदाजा इस बात से भी लगता है कि रूस जैसा देश जो हमेशा से भारत का सबसे करीबी दोस्त रहा है वह भी आज पाकिस्तान के साथ मजबूत रिश्ता बनाने की कवायद में लगा सफल हो रहा है.

क्यों कमजोर किया रक्षा बजट?

केन्द्र सरकार के रक्षा बजट पर राहुल ने कहा कि आज अमेरिका समेत चीन और रूस जैसे देश रक्षा बजट को दोगुना और तीन गुना कर रहे हैं. यह कदम वह अंतरराष्ट्रीय हालात को देखते हुए उठा रहे हैं. लेकिन भारत ने अंतरराष्ट्रीय माहौल से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए अपने रक्षा बजट को मजबूत करने का काम नहीं किया है.