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मीडिया पर भड़के डोनल्ड ट्रम्प.. बोले- ISIS की मदद करता है मीडिया !

वॉशिंगटन। दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ इराक और सीरिया में गठबंधन सेनाओं की जंग जारी है। इराक में इस्लामिक स्टेट के सबसे मजबूत गढ़ मोसुल को भी इराकी और गठबंधन सेना ने कई महीने से घेरा हुआ है, इसके बावजूद ये लड़ाई अभी कई महीने खिंचने की आशंका है। इस स्थिति में भी इस्लामिक स्टेट अपनी गतिविधियों और आतंकवादियों की भर्ती तक में सक्रिय है, इससे उसकी ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस्लामिक स्टेट का खतरा दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है और इससे लोगों को आगाह किया ही जाना चाहिए। मीडिया इस खतरनाक संगठन द्वारा इंसानियत के खिलाफ किए जा रहे हर काम को सामने ला रहा है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ऐसा नहीं सोचते।  वो मीडिया को लेकर जिस तरह से बयान दे रहे हैं वो चर्चा का विषय बन रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि न्यूज मीडिया, इस्लामिक स्टेट (ISIS)के आतंकी हमले के डर को कम करके पेश कर रहा है। अमेरिकी सेना के अधिकारियों से उन्होंने कहा कि IS द्वारा यूरोप में किए जा रहे आतंकी हमलों के बारे में पत्रकार रिपोर्ट नहीं करना चाहते हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि ऐसा करने के पीछे मीडिया के ‘अपने स्वार्थ’ हैं। ट्रंप के मुताबिक मीडिया आतंकवादी घटनाओं को कम करके पेश करने की साजिश रचती है।व्हाइट हाउस की तरफ से सोमवार रात को एक लिस्ट भी जारी की गई जिसमें सितंबर2014 से दिसंबर 2016 के बीच IS द्वारा कराए गए 78 आतंकी हमलों की सूची दी गई थी। व्हाइट हाउस ने कहा कि इनमें से ज्यादातर वारदातों को ‘मीडिया में जितनी जगह मिलनी चाहिए थी, वह उन्हें नहीं दी गई।

व्हाइट हाउस की इस लिस्ट में पेरिस, ब्रसल्स, सैन बरनडेनो, ऑरलैंडो, फ्ला में हुए मुख्य आतंकवादी हमलों को भी शामिल किया गया है। ये हमले हफ्तों तक सुर्खियों में बने रहे थे, सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनियाभर की मीडिया ने इन घटनाओं की रिपोर्टिंग की। इस सूची में अप्रैल 2015 में बोस्निया में हुए एक हमले का भी जिक्र है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी मारा गया था और 2 लोग जख्मी हुए थे। यह घटना अमेरिका से बाहर की थी और वहां की स्थानीय मीडिया ने इसे काफी कवरेज दिया था, बावजूद इसके ट्रंप का कहना था कि मीडिया में आतंकी घटनाओं को तवज्जो नहीं मिलती और आतंकवाद के डर को कम करके दिखाया जाता है। आमतौर पर राष्ट्रपति की सैन्य अधिकारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ मुलाकात में राजनैतिक बातचीत नहीं होती, बल्कि इसमें सैन्य रणनीति पर फोकस किया जाता है।

लेकिन डोनल्ड ट्रम्प ने इसमें पत्रकारों पर खूब आरोप लगाए और उनकी आलोचना की। ट्रंप ने कहा, ‘जिस तरह कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादियों ने 11 सितंबर 2001 को हमला किया था, वैसे ही वह फिर हमारे देश पर हमला करने और इसे निशाना बनाने का संकल्प कर चुके हैं। बोस्टन से लेकर ऑरलैंडो और पूरे यूरोप में आतंकवाजी जैसा कर रहे हैं, वही वे अमेरिका के भी साथ करना चाहते हैं।’ ट्रंप ने कहा, ‘पूरे यूरोप में आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं। यह सब ऐसे स्तर पर पहुंच गया है कि इनके बारे में मीडिया में कोई खबर भी नहीं की जाती है। कई मामलों में तो बेहद बेईमान प्रेस इनपर खबरें करना ही नहीं चाहती है। उनके अपने स्वार्थ हैं और आप समझते ही हैं कि ऐसा करने की उनकी क्या वजहें हैं।’ बताते चलें कि अमेरिका में  पिछले कुछ दिनों से मीडिया पर आरोप लग रहे हैं कि वह आतंकवादी हमलों की रिपोर्टिंग ना कर इस्लाम और मुस्लिम प्रवासियों की हिफाजत करने की कोशिश कर रहा है।