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मां को जिंदा जलाया, मुख्यमंत्री को खून से चिट्ठी लिखकर लगाई न्याय की गुहार

maaलखनऊ /मेरठ। दो महीने पहले बुलंदशहर की रहने वाली 15 साल की लतिका बंसल ने जो देखा वह कभी भुला नहीं सकती है। 14 जून को लतिका की मां अनु बंसल को ससुराल वालों ने लतिका की 11 साल की बहन तान्या के सामने जिंदा जला दिया। ऐसा अनु के ससुराल वालों ने इसलिए किया क्योंकि वह बेटे को जन्म नहीं दे सकीं थीं।

लतिका की मां जब जल रही थीं, तब उसने पुलिस को 100 नंबर पर फोन किया, लेकिन किसी ने कॉल का जवाब नहीं दिया। उसने ऐम्बुलेंस को भी फोन किया लेकिन कोई नहीं आया। आखिर में लतिका ने अपने मामा को फोन किया जो 10 मिनट में वहां पहुंचे और उसकी मां को अस्पताल ले गए। 95 प्रतिशत जल चुकी लतिका की मां ज्यादा देर जिंदा नहीं रह सकीं। इसी बीच पुलिस में शिकायत की गई कि यह सुइसाइड का केस है। मां की मौत के दो महीने बाद लतिका ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खून से चिट्ठी लिखी और इस पर कार्रवाई की उम्मीद जताई।

लतिका ने लिखा, ‘मैंने जो देखा वह कभी भूल नहीं सकती। मेरी मां को मेरे सामने ही जिंदा जला दिया गया। पिछले 15 लावों से मैंने बेटे को जन्म न दे पाने की वजह से मां पर होने वाले अत्याचारों को देखा है। मेरी बहन का जब जन्म हुआ था, तब हम तीनों को घर से बाहर फेंक दिया गया था। तब हम किराए पर रहते थे। मेरी मां को धमकी दी गई कि मेरे पापा की शादी किसी और के साथ कराई जाएगी जो बेटे को जन्म दे सके। मेरी मां को जब जलाया गया तो छोटी बहन रोती ही रह गई लेकिन मैंने बहादुरी दुखाते हुए 100 नंबर पर फोन किया।’

कक्षा 10 की इस छात्रा को उत्तर प्रदेश पुलिस से निराशा हाथ लगी। इसके बाद उसे सरकारी सहायता की उम्मीद छोड़कर मामा को फोन करना पड़ा। पीड़िता के भाई तरुण जिंदल ने बाताया, ‘जब लतिका ने मुझे फोन किया तो मैं उनके घर की तरफ भागा। मैं अपनी बहन की हालत देख कर सहम गया। अस्पताल ले गया लेकिन बुरी तरह जलने की वजह से उनकी मौत हो गई। दो मुख्य आरोपी मेरी बहन की सास स्नेहलता और जेठ राजेश बंसल हैं।’

बुंदेलखंड के एएसपी राम मोहन सिंह ने कहा कि पीड़िता के पति मनोज बंसल को शिकायत के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके रिश्तेदारों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अधिकतर लोग बाहर रहते हैं। धारा 302 के तहत शिकायत दर्ज की गई है। बंसल पर 306 के तहत केस दर्ज किया गया है।