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महिलाएं खुद सशक्त, पुरुष कौन हैं सशक्त करने वाले: PM

empowermentनई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने महिला जन प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल हुईं सभी महिला जन प्रतिनिधियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस तरह के समारोहों में मेल-जोल के समय परिचितों और अपरिचितों से हुईं बातों से जो अनुभव साझा किए जाते हैं, वह बेहद सकारात्मक साबित होते हैं। संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित इस 2-दिवसीय सम्मेलन का समापन करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि महिला जन प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अपने अनुभवों का सकारात्मक इस्तेमाल करेंगी।
महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि महिलाएं स्वयं सशक्त हैं। उन्होंने कहा, ‘पुरुष होते कौन हैं कि महिलाओं का सशक्तिकरण कर सकें। महिलाएं तो स्वयं सशक्त हैं।’ उन्होंने कहा कि सर्वे के नतीजे बताते हैं कि जिस परिवार में महिला नहीं होती, वहां पुरुष ना तो अच्छी तरह से जिम्मेदारी निभा पाते हैं और ना ही लंबे समय तक जीते हैं। इससे अलग, जिन परिवारों में महिलाओं पर परिवार की जिम्मेदारी होती है, वहां महिलाएं हर चुनौती-हर जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाती हैं और परिवार खुशहाल रहता है।

पीएम ने मैनेजमेंट के क्षेत्र में बात की जाने वाली मल्टीटास्किंग का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की महिलाएं हमेशा से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं परिवार की जिम्मेदारी और बाकी सभी काम-काज बेहद संतुलित तरीके से पूरी कर लेती हैं। पीएम ने कहा, ‘मुझे पता नहीं कि कोई सर्वे हुआ है या नहीं, लेकिन महिलाओं और पुरुषों को मिले अवसरों की तुलना करने पर देखेंगे कि महिलाएं अपने अवसरों का बेहतर इस्तेमाल कर पाती हैं।’

रवांडा का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि वहां एक भीषण जनसंहार के बाद पुरुषों की संख्या बहुत कम हो गई। उन्होंने कहा, ”

पीएम मोदी ने कहा, ‘राष्ट्र को बनाने में बजट काम नहीं आता। राष्ट्र को बनाने में सड़क और इमारतें काम नहीं आतीं। राष्ट्र का निर्माण नागरिक करते हैं, लेकिन नागरिक को तो सदियों से मांएं ही सशक्त बनाती आई हैं।’ उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपने अतीत पर गौरव करते हुए आत्मविश्वास को जगह दें।

मोदी ने कहा, ‘घर में रोटी बनाते हुए अगर रोटी में से भाप निकल जाए और हाथ जल जाए, तो भी महिला का ध्यान अपने जले हाथ पर नहीं जाता। वह पति का इंतजार करती है। जैसे ही पतिदेव आते हैं, वह उन्हें अपना जला हाथ दिखाती है। वह इंतजार करती है कि पति आए और देखे कि उसका हाथ जला है। हाथ 2 महीने पहले जला, लेकिन वह पति को दिखाकर जताती है कि उसका हाथ तुरंत ही जला है।’ उन्होंने कहा कि यही नारी अपने बच्चे को बचाने के लिए आग में भी कूद जाती है।

जन प्रतिनिधियों की भूमिका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि महिला प्रतिनिधियों को जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी कानून में महिलाओं को अपने हित के पक्ष-विपक्ष में कमियां और सकारात्मक पक्ष देखना चाहिए। उन्होंने महिला जन प्रतिनिधियों से अपील की कि वे विधायिका की भूमिका के प्रति गंभीर हों और अपनी भूमिका के प्रति अधिक से अधिक जागरूकता दिखाएं। उन्होंने महिला प्रतिनिधियों से अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहचान बनाने व जमीन-लोगों से जुड़ने पर अधिक ध्यान देने की अपील की।

उन्होंने कार्यक्रम में शरीक हुई महिला प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में ग्राम पंचायत की महिला सदस्यों को एक मंच पर जमा करें और उनके साथ विमर्श करें। पीएम ने कहा कि ऐसा करने में राजनीतिक विरोध की भावना को पीछे छोड़ देना चाहिए।

पीएम मोदी ने महिलाओं को तकनीकी दृष्टि से अधिक जानकार और जागरूक बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि नई तकनीक का इस्तेमाल कर जनसंपर्क और लोकहित का काम ज्यादा अच्छी तरह से कर सकते हैं। उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों से महिला जन प्रतिनिधियों के लिए एक साझा ई-प्लेटफॉर्म विकसित करने की अपील की।

पीएम ने सम्मेलन में मौजूद महिला जन प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि वे जब भी संसदीय समितियों का हिस्सा बनकर कहीं दौरे पर जाएं, तो अन्य महिला जन प्रतिनिधियों से संपर्क कर विभिन्न मुद्दों पर विमर्श करने की कोशिश करें। पीएम ने कहा कि इस तरह महिला जन प्रतिनिधियों में ना केवल जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि उनका आपसी संवाद भी मजबूत होगा।