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मल्लिका साराभाई को पीएम का विरोध करने की थी जल्दी: कैलाश विजयवर्गीय

Mallika-Sarabhaiअहमदाबाद। मशहूर नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई के निधन के बाद उनकी बेटी मल्लिका साराभाई ने पीएम मोदी पर संवेदनहीन होने के लिए निशाना साधा था। अब यह बात सामने आ रही है कि मृणालिनी के निधन के दिन ही पीएमओ की ओर से उनके बेटे कार्तिकेय साराभाई के पास संवेदना प्रकट करते हुए एक पत्र भेजा गया था। बताया गया है कि मोदी ने गुरुवार को यह पत्र लिखा। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसकी जानकारी अपने ट्वीटर पेज पर दी। मालूम हो कि कार्तिकेय साराभाई मोदी के गृहराज्य गुजरात में ही रहते हैं। कार्तिकेय ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बात करते हुए कहा कि उनके पास मृणालिनी साराभाई के निधन पर कई शोक संदेश व पत्र आए हैं, लेकिन वह अभी इन सबको नहीं देख सके हैं।
मृणालिनी साराभाई मशहूर शास्त्रीय नृत्यांगना थीं। वह अपनी नृत्य नाटिकाओं के द्वारा आधुनिक समाज की समस्याओं को दर्शकों के सामने रखती थीं। 97 साल की उम्र में उनका गुरुवार को अहमदाबाद में निधन हो गया था। उनकी बेटी मल्लिका साराभाई खुद भी मशहूर नृत्यांगना व सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अपनी मां के निधन के बाद उन्होंने पीएम मोदी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि मोदी ने उनकी मां के निधन पर शोक प्रकट नहीं किया। मल्लिका ने कहा था कि इससे पीएम की ‘नफरत से भरी मानसिकता’ का पता चलता है।

उधर, बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने मल्लिका द्वारा पीएम के खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, ‘कुछ लोगों को राजनीति का बहाना चाहिए, इसके लिए वे कोई मौका चूकना नहीं चाहते। भले ही वह स्वयं के माता-पिता की मृत्यु का दुख़द अवसर क्यों न हो।’ उन्होंने आगे लिखा है, ‘मल्लिका जी को नरेंद्र मोदी जी का विरोध करने की इतनी जल्दी थी कि उन्होंने शोक के 13 दिन भी इंतजार नहीं किया। मल्लिका साराभाई ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उनकी मां मृणालिनी साराभाई जी की मृत्यु पर शोक व्यक्त नहीं किया।’

विजयवर्गीय ने मल्लिका पर हमला करते हुए लिखा, ‘वास्तव में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से शोकसंवेदना पत्र मृणालिनी जी के पुत्र व मल्लिका जी के भाई कार्तिकेय साराभाई को 21 जनवरी को ही भेजा जा चुका था। मल्लिका जी को तो अपनी मां की मृत्यु से ज्यादा, प्रधानमंत्री जी की संवेदना न मिलने का दुःख है। मल्लिका साराभाई जैसों को तो केवल नरेंद्र मोदी जी का विरोध करना है, उन्हें न तो रिश्तों की मर्यादा का ख्याल है और न भारतीय परंपराओं का।’

मल्लिका साराभाई ने 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान गांधीनगर सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थीं। अपने फेसबुक पोस्ट पर इस बारे में उन्होंने लिखा, ‘मेरे प्रिय प्रधानमंत्री जी, आप मेरी राजनीति से नफरत करते हैं और मैं आपकी राजनीति से नफरत करती हूं। मृणालिनी साराभाई ने लगभग 60 साल तक इस देश की संस्कृति को प्रोत्साहन देने में जो भूमिका निभाई, उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है।’

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा था, ‘उन्होंने पूरी दुनिया के सामने हमारी संस्कृति को पेश किया। उनके निधन पर आपकी संवेदनाएं नहीं आईं, यह दिखाता है कि आपकी मानसिकता कैसी है। आप मुझसे कितनी भी नफरत करें, लेकिन प्रधानमंत्री के तौर पर आपको उनके (मृणालिनी की) योगदान का सम्मान करना चाहिए, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। आपको इसके लिए शर्मिंदा होना चाहिए।’