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भोपाल सेंट्रल जेल से फरार सभी 8 आतंकी मार गिराए गए

1नई दिल्ली/भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल से फरार आठ सिमी आतंकियों को मार गिराया गया है। भोपाल से 10 किमी दूर ईंटखेड़ी गांव में पुलिस ने मुठभेड़ में इन्हें मार गिराया। शुरुआती मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, घिरने के बाद पुलिस ने इन आतंकियों को सरेंडर करने कहा। आतंकियों ने सरेंडर नहीं किया, जिसके बाद एनकाउंटर शुरू हो गया। दो पुलिसवालों के घायल होने की भी खबर है। बता दें कि त्योहारों के मौसम में जब सुरक्षा पहले से ज्यादा कड़ी रहती है, तब भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी आतंकियों के फरार होने से पूरे देश में हलचल मच गई थी। इसके बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था।

गृहमंत्री ने मांगी थी रिपोर्ट
इससे पहले, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बातचीत की और पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की थी। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज ने इस सिलसिले में एक उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलाई। सीएम शिवराज ने आतंकियों के भागने की घटना को लापरवाही बताते हुए इसे राजद्रोह के बराबर का अपराध बताया था। उन्होंने कहा कि पूर्व डीजीपी नंदन दुबे इस मामले की जांच करेंगे। उधर, दिल्ली की एंटी टेरर विंग, स्पेशल सेल ने अपनी एक टीम भोपाल भेजी।

हर जगह नाकाबंदी
आतंकियों के भागने के बाद अफसरों की टीम सेंट्रल जेल पहुंची थी। वहां बंद अन्य सिमी आतंकियों से अफसरों ने पूछताछ की। पूछताछ करने वालों में एटीएस और इंटेलिजेंस के अफसर शामिल थे। घटना की खबर मिलते ही दिल्ली की तिहाड़ जेल सहित सभी अहम स्थानों की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई। दिल्ली और मध्य प्रदेश के सभी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों की निगरानी बढ़ा दी गई। पुलिसवालों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया। मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर नाकाबंदी की गई और फरार आतंकियों की ताजा तस्वीरें सभी एजेंसियों को भेज दी गई। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी इस घटना के बाद अलर्ट घोषित कर दिया गया।

चार अधिकारी सस्पेंड
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक, घटना के लिए जेल प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार हैं इसलिए 4 जेल कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। जिन लोगों को सस्पेंड किया गया है, उनमें जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर, जेलर विवेक परस्ते, जेलर आलोक वाजपेयी और मुख्य प्रहरी आनंदीलाल शामिल हैं। डीजी जेल ने कहा है कि 24 घंटे में मामले की जांच रिपोर्ट आ आएगी। आतंकियों पर 5-5 लाख रुपए के इनाम का ऐलान किया गया था।

राजनीति शुरू
इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए अंदरूनी मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘ आरएसएस और कट्टरपंथी मुस्लिम विचारधारा के लोग मिलकर दंगे फसाद कराते हैं। जिस प्रकार से सिमी के लोग जेल तोड़ कर भाग रहे हैं, यह जांच का विषय है कि कहीं इसमें मिलीभगत तो नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि आरएसएस और कट्टरपंथी मुस्लिम विचारधारा के लोग मिल कर दंगे-फसाद कराते हैं।

फिर जेल ब्रेक
यह दूसरा मौका है जब मध्य प्रदेश में सिमी के आतंकी जेल तोड़कर फरार हुए। इससे पहले, अक्टूबर 2013 में खंडवा जेल से सात आतंकी फरार हो गए थे। ऐसे में एमपी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। अक्तूबर 2013 में खंडवा स्थित जेल से भागे सिमी के सात कार्यकर्ताओं में से चार को तीन साल तक छिपे रहने के बाद मुश्किल से पकड़ा गया था। इन तीन साल में ये आतंकवाद की कई और बैंक में लूटपाट की एक घटना में लिप्त थे।