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भारत ने तैयार किया जीका वायरस के खिलाफ विश्व का पहला टीका

zikavirusनई दिल्ली। भारतीय राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की एक दवा कंपनी ने बुधवार को जीका वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित करने का दावा किया। ‘बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड’ का कहना है कि उसने पहले से ही जीका टीका के लिए पेटेंट दाखिल कर दिया है। दवा कंपनी के प्रमुख डॉ. कृष्णा एल्ला ने यहां संवादताताओं को बताया, “जीका पर, हम विश्व की पहली ऐसी दवा कंपनी है, जिसने नौ महीने पहले ही इसके टीके के लिए पेटेंट आवेदन कर दिया है।” कंपनी ने अपने वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए टीके के मनुष्य और जानवर पर परीक्षण के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सोमवार को घोषणा किए जाने के एक दिन बाद भारतीय कंपनी ने यह दावा किया है।डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को जीका वायरस को विश्व स्वास्थ्य के लिए एक खतरा बताया था और कहा था इससे पूरी दुनिया को एकजुट होकर लड़ना होगा। इस वायरस के संक्रमण से गर्भ में पल रहे शिशु को माइक्रोसेफेली नामक रोग होता है, जिसमें उसके मस्तिष्क का विकास नहीं हो पाता है। यूनिसेफ के अनुसार, ब्राजील में 22 अक्टूबर, 2015 से 26 जनवरी, 2016 के बीच नवजात बच्चों में माइक्रोसेफेली के 4,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि वर्ष 2014 में पूरी दुनिया में इसके महज 147 मामले देखने को मिले थे। हालांकि, भारत में जीका वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

अब तक कहा जा रहा था कि जीका वायरस मच्छरों के जरिये फैल रहा है लेकिन अमेरिका में एक मामला सामने आया है जिससे पुष्टि होती है कि यौन संबंधों के जरिये भी यह संक्रमण फैल रहा है। अमेरिका के टेक्सस में यौन संक्रमण के जरिये जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है। इस मामले की ‘द सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी)’ ने इस वात की पुष्टि की कि दल्लास काउंटी में एक व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हुआ है। दल्लास काउंटी के एक अधिकारी ने बताया कि वह बिमार इंसान एक ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने के बाद जीका वायरस के संक्रमण का शिकार हुआ जो उस देश से आया था जहां यह वायरस पाया जाता है।

इससे पहले कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ताहिती के रहने वाले एक शख्‍स के सीमेन में जीका वायरस मिले। इसके अलावा यह भी दावा किया गया कि शारीरिक संबंध बनाने की वजह से महिला के शरीर में अपने पति से जीका का वायरस पहुंच गया। प्रोफेसर ब्रायन फॉय ने मेडिकल रिपोर्ट में दावा किया कि जीका का वायरस शारीरिक संबंधों की वजह से उनकी पत्‍नी के शरीर में पहुंचा। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलेरेडो के बायोलॉजिस्‍ट फॉय सेनेगल देश के दौरे में इस वायरस की चपेट में आए। घर लौटने के पांच दिन बाद प्रोफेसर बीमार हो गए। उनको थकान, पेशाब करने में दर्द, और जलन जैसी समस्‍याएं हुईं। कुछ हफ्तों बाद उनकी पत्‍नी में भी ऐसे ही लक्षण उत्‍पन्‍न हो गए, लेकिन उनके चारों बच्‍चों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। बाद में जांच में पुष्टि हुई कि फॉय जीका वायरस से पीड़ित थे।