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भारत की नागरिकता छोड़ी, लेकिन प्रत्यर्पण से बच नहीं पाएगा PNB घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी

नई दिल्ली। पीएनबी घोटाले में आरोपी और नीरव मोदी का मामा मेहुल चोकसी अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर चुका है. उसने भारत की नागरिकता छोड़ दी है और एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है. लेकिन सरकारी सूत्रों ने ‘आजतक’ को बताया कि मेहुल के इस कदम से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है और इसके बावजूद उसे प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा सकता है.

गौरतलब है कि करीब 13,000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में नीरव मोदी के साथ मेहुल चोकसी भी मुख्य आरोपी है. आजतक-इंडिया टुडे को यह पता चला है कि मेहुल चोकसी ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने के लिए अपना पासपोर्ट (Z 3396732) जमा कर दिया है. पासपोर्ट जमा करने के साथ ही चोकसी ने 177 डॉलर की फीस भी दी है. इस सरेंडर पासपोर्ट में चोकसी ने अपना आधिकारिक पता जॉली हार्बर, सेंट मार्क्स, एंटीगुआ बताया है.

जानकार इसे मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं. उसके प्रत्यर्पण का मामला फिलहाल एंटीगुआ की हाईकोर्ट में चल रहा है. चोकसी ने साल 2017 में ही एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी और पिछले साल से वहीं रह रहा है.

एक सरकारी सूत्र ने बताया, ‘मेहुल चोकसी ने अपराध भारत में किया है और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया का आरोपी की नागरिकता से कोई संबंध नहीं है. एक आरोपी होने के नाते मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण किया जा सकता है, नागरिकता चाहे कहीं की भी क्यों न हो. अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक किसी भी देश के, किसी भी आरोपी को, किसी भी देश में प्रत्यर्पित किया जा सकता है. मेहुल चोकसी के मामले में भी यह लागू होगा.’ सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया, ‘सबसे हालिया उदाहरण क्रिश्चियन मिशेल का है. वह ब्रिटिश नागरिक है और दुबई में रह रहा था. लेकिन उसे अगस्ता वेस्टलैंड भ्रष्टाचार मामले में पूछताछ के लिए दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया.’

मेहुल चोकसी पिछले साल 4 जनवरी को भारत से फरार हो गया था और इससे पहले ही उसने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी. वह 7 जुलाई तक अमेरिका में था. लेकिन जब तक तमाम एजेंसियां उसे वापस लाने की कार्रवाई शुरू करतीं, वह अपनी नागरिकता वाले देश एंटीगुआ भाग गया. एंटीगुआ के प्रशासन का दावा है कि उसे भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और सेबी से हरी झंडी मिलने के बाद ही वहां की नागरिकता दी गई.

इंटरपोल ने इस बारे में एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है, जिसका मतलब यह है कि अगर अब वह एंटीगुआ से कहीं और भागने की कोशिश करता है तो उसे हिरासत में ले लिया जाएगा और भारत को सौंप दिया जाएगा.

एंटीगुआ के कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति को नागरिकता मिलने के बाद निष्ठा की शपथ भी लेनी पड़ती है. एंटीगुआ के सीआईयू ने कहा था कि चोकसी ने यह शपथ 15 जनवरी, 2018 को ली थी. कैरेबियाई देशों के कई टैक्स हैवन माने जाने वाले देशों में से एक एंटीगुआ भी है.