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भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट का इंतजार, स्वामी प्रसाद मौर्य नाराज

लखनऊ।  भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट का इंतजार शुरू हो चुका है। इसी बीच बसपा से आये कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य नाराज हो गए हैं। अपने अपनों को टिकट की मांग को लेकर मौर्या की नाराजगी बीजेपी के लिए मुसीबत बन गई है। हालांकि, कई बार बैठक और बातचीत के बाद कुछ तय नहीं हो सका है। फिलहाल, बीजेपी विरोधी भी इस नाराजगी को हवा देने में लग गए हैं क्योंकि टिकट घोषित होते ही बीजेपी का नाराज तबका मौर्या के साथ सुर में सुर मिला सकता है। ऐसे में पार्टी विथ डिफरेंस के लिए इस नई मुश्किल से पार पाना भी आसान नहीं होगा।
नीली झंडी को छोड़ भगवा रंग में रंगे पूर्व मंत्री व नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य की पहचान पूर्वांचल में एक कद्दावर नेता के रूप में है। गोरखपुर-बस्ती मंडल सहित पूर्वांचल की दो दर्जन से अधिक सीटों पर मौर्या का प्रभाव है। पिछड़ों और अतिपिछड़ों को बसपा से जोड़ने में स्वामी प्रसाद मौर्य का काफी योगदान रहा है। बसपा छोड़ने पर पूरे प्रदेश से बसपा के सैकड़ों जनाधार वाले नेताओं और दर्जनों जनप्रतिनिधियों को भाजपा में शामिल कराने में स्वामी प्रसाद का अहम योगदान रहा है।
सूत्र बताते हैं कि स्वामी जब भाजपा में शामिल हुए थे तो शीर्ष नेतृत्व ने भी उनके लोगों का ख्याल रखने का वादा किया था। लेकिन टिकट बंटवारे में उनको मनमाफिक सीटें नहीं मिल रही। भाजपा सूत्रों की मानें तो स्वामी प्रसाद मौर्य पूरे प्रदेश में 30 सीट अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए मांग रहे। इसमें गोरखपुर-बस्ती मंडल की करीब आधा दर्जन सीटें शामिल हैं। जबकि शीर्ष नेतृत्व उनको कम सीटें दे रहा। बसपा छोड़कर आये अपने लोगों को टिकट मिलने की हरीझण्डी नहीं मिलने से वह अचानक से पार्टी से नाराज हो गए हैं। वह हरहाल में साथ आये साथियों को टिकट दिलाने पर अड़े हैं। हालांकि, अभी यह तय नहीं हो पाया है कि मौर्या को कितनी सीट दी जा रही। उनको मनाने के लिए कई दौर में बातचीत हो चुकी है।