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ब्लास्ट के बाद जो बचा उसे AK-47 से भूना, नक्सली हमले में 7 जवान शहीद

naksaliरायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 7 जवान शहीद हो गए। जवान गाड़ी में सवार होकर भूसारास जा रहे थे, मैलावाड़ा के पास नक्सलियों ने लैंडमाइन ब्लास्ट कर दिया। ब्लास्ट इतना ताकतवर था कि सीआरपीएफ के 4 जवान मौके पर ही शहीद हो गए। गाड़ी का इंजन 100 मीटर दूर तक जा गिरा। मौके पर छह फीट गहरा गड्ढा हो गया।
सीआरपीएफ के डीआईजी पी चंद्रा ने बताया कि सभी जवान छुट्टी से वापस लौट रहे थे। छुट्टी के बाद ज्वाइन से पहले जवानों को हेड क्वार्टर में रिपोर्ट करना होता है, इसी के लिए नेरली स्थित कैम्प से भूसारास जा रहे थे। सभी जवान सिविल ड्रेस में थे और किसी के पास हथियार भी नहीं थे। रास्ते में दंतेवाड़ा से 12 किलोमीटर पहले मैलावाड़ा में नक्सली घात लगाए बैठे थे। जैसे ही गाड़ी पहले से प्लांट किए गए आईईडी की जद में आई, नक्सलियों ने ब्लास्ट कर दिया।  विस्फोट की चपेट में आकर गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और चार जवान शहीद हो गए।  ब्लास्ट के बाद नक्सली सामने आए और तीन गंभीर रूप से घायल जवानों ने सिर और सीने पर एके 47 से ताबड़तोड़ गोलियां दागी ताकि कोई बच न पाए।
30 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल
सड़क में जिस जगह ब्लास्ट हुआ वहां 6 फीट गहरा गड्ढा हो गया। ब्लास्ट के बाद गाड़ी करीब 25 फीट ऊपर उछली और उसके चार टुकड़े हो गए। गाड़ी का इंजन घटनास्थल से 100 मीटर दूर जा गिरा। जवानों के शव भी क्षत-विक्षत हालत में इधर-उधर बिखरे मिले। ब्लास्ट की इंटेंसिटी को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि नक्सलियों ने ब्लास्ट के लिए 25 से 30 किलोग्राम एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किया होगा।
सिक्युरिटी में कैसे हुई चूक?
जवान नकुलनार की तरफ से आ रहे थे। दंतेवाड़ा से 12 किलोमीटर पहले मैलावाड़ा में हमला हो गया। नक्सल इलाके में जब भी जवानों का मूवमेंट होता है, तो उनके साथ रोड ओपनिंग पार्टी चलती है। इस इलाके में पहले कभी हमला नहीं हुआ था, इसलिए पहले से कोई इंतजाम नहीं किए गए। लैंडमाइन की आशंका नहीं होने के चलते रोड ओपनिंग पार्टी साथ नहीं थी।
ये जवान हुए शहीद
एएसआई डी बिजय राज, कॉन्स्टेबल नाना उदे सिंह, हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप तिर्की, कॉन्स्टेबल रंजन दास, कॉन्स्टेबल देवेन्द्र चौरसिया, कॉन्स्टेबल रूप नारायण दास और कॉन्स्टेबल मृत्युंजय मुखर्जी।