नई दिल्ली। उम्र के जिस पड़ाव में आमतौर पर नेता राजनीति से संन्यास ले चुके होते हैं, यूपी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ने नई पारी की शुरुआत की है। जीवन के नौ दशक पूरे कर चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एन.डी. तिवारी अपने बेटे रोहित शेखर के साथ बीजेपी में शामिल हो गए हैं। दोनों को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने आवास पर पार्टी की सदस्यता दिलाई। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए यह फैसला किया गया है। चर्चा है कि रोहित हल्द्वानी सीट से उम्मीदवार हो सकते हैं। गौरतलब है कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद तिवारी ने रोहित को अपना बेटा स्वीकार किया था।
दरअसल, एन.डी. अपने पुत्र रोहित शेखर को राजनीति में स्थापित करने को प्रयासरत थे। यूपी में अखिलेश यादव ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दे रखा था, लेकिन एनडी जैसे अनुभवी राजनेता को पता है कि राजनीति की बुनियाद उस वक्त तक मजबूत नहीं होती, जब तक जनता के प्रतिनिधि के रूप में स्थापित न हो जाया जाए।
#FLASH: Senior Congress leader Narayan Dutt Tiwari and his son Rohit Shekhar have joined BJP in the presence of party President Amit Shah
Delhi: Narayan Dutt Tiwari and his son Rohit Shekhar have joined BJP in the presence of party President Amit Shah pic.twitter.com/2kzIezFRs7
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इसलिए पहले उन्होंने बेटे को समाजवादी पार्टी से यूपी की किसी सीट से टिकट दिलाने की कोशिश की। जब उनकी यह कोशिश परवान नहीं चढ़ी तो उन्होंने उत्तराखंड में बीजेपी से टिकट दिलाने की कोशिश शुरू की। वह जिस सीट से टिकट दिलाना चाह रहे हैं, उस सीट पर अभी बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित भी नहीं किया है। इसी के मद्देनजर एन.डी. तिवारी के बीजेपी में जाने की चर्चा शुरू हुई। एन.डी तिवारी के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही उत्तरखंड के सभी पूर्व सीएम बीजेपी के पाले में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं। देहरादून की चकराता, विकासनगर और धर्मपुर और नैनीताल की हल्द्वानी, भीमताल और रामनगर सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस से आए 11 में से 9 को टिकट मिला है।
तिवारी 3 बार उत्तर प्रदेश और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2007 में वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए थे। इसके अलावा उन्होंने 80 के दशक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई है। 2009 में आंध्र प्रदेश राज्यपाल के पद पर रहते हुए उनका एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था, जिसमें उन्हें तीन महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालत में दिखाया गया था।