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बड़ा खुलासा : ……………..तो मुलायम सिंह यादव ने साइकिल निशान के लिए चुनाव आयोग नहीं दिया था हलफनामा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई का फैसला हो चुका है. जीत अखिलेश की हुई है. दुनिया तो ये जानती है कि चुनाव आयोग में साइकिल के निशान के लिए मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लड़ रहे थे लेकिन अब चुनाव आयोग के फैसले में खुलासा हो रहा है कि साइकिल निशान के लिए मुलायम सिंह यादव ने अपनी ओर से चुनाव आयोग के मांगने पर हलफनामा दिया ही नहीं.

एक हलफनामा मुलायम की ओर से दिया गया लेकिन न तो शिवपाल यादव ने, न ही अमर सिंह ने मुलायम के लिए हलफनामा पेश किया. साइकिल निशान के लिए अखिलेश ने 4 हजार 716 हलफनामा पेश किए जिससे साफ था कि पार्टी पर अखिलेश की जबर्दस्त पकड़ बनी हुई है.

अखिलेश के समर्थन में 228 में से 205 विधायकों ने, 68 में से 56 विधान पार्षदों ने, 24 में से 15 सांसदों ने, 46 में से 28 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों ने, 5731 में से 4400 प्रतिनिधियों ने अखिलेश के समर्थन में हलफनामा दिया जिससे पार्टी पर अखिलेश का दबदबा चुनाव आयोग में साबित हुआ.

ऐसा नहीं है कि मुलायम सरेंडर के मूड में थे. अखिलेश कैंप की ओर से पेश हलफनामों में नुक्ताचीनी मुलायम ने चुनाव आयोग के सामने रखकर साइकिल पर अखिलेश का दावा कमजोर करने की कोशिश की. चुनाव आयोग के सामने उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है.

अखिलेश यादव ने पिता मुलायम को हराकर समाजवादी पार्टी और साइकिल चुनाव चिन्ह पर कब्जा कर लिया है. मुलायम सिम्बल की लड़ाई हार गये हैं. अब अखिलेश का मतलब ही समाजवादी पार्टी है. एक जनवरी को अखिलेश को अध्यक्ष बनाने के बाद झगड़ा चुनाव आयोग पहुंच गया था.

रामगोपाल यादव ने एबीपी न्यूज़ ने कहा, ”मैं चुनाव आयोग को बधाई देना चाहूंगा. आयोग ने बहुत सही और न्यायसंगत फैसला दिया है. देश में जहां भी समाजवादी पार्टी है सभी अखिलेश के पक्ष में हैं. इससे साफ हो गया है कि अखिलेश एक बार फिर सीएम बनेंगे. जब तक चुनाव हैं तब तक मुलायम सिंह के बारे में कुछ नहीं बोलूंगा. हमारे बीच फूट थी इसीलिए चुनाव आयोग में दो गुट बैठे थे. नेता जी को इस वजह से कुछ समझ नहीं आया क्योंकि कुछ ऐसे लोग उनके साथ हैं जो पार्टी को बर्बाद करना चाहते हैं. मेरी मुख्यमंत्री से बात हुई है, वे बहुत खुश हैं.” कांग्रेस के साथ गठबंधन पर रामगोपाल यादव ने कहा, ”उम्मीद है.”