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बजट 2016 में टैक्स से जुड़ी बड़ी बातें

Jaitley29नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने तीसरे बजट के जरिए इनकम टैक्ल स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने कुछ छूटों और कटौतियों को चुपके से कम कर दिया और कई नए सेस भी लगा दिए। हां, कई जगहों पर राहत भी दी गई है। इन सबका असर आम आदमी पर पड़ने वाला है। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए पेश बजट में टैक्स के ये नए पैमाने तय किए गए हैं-

1. इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 87ए के तहत छूट सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये सालाना कर दी गई है। इससे 2 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयरों की जेब में थोड़े ज्यादा पैसे बच पाएंगे।

2. होम लोन पर टैक्स बेनेफिट को क्लेम करने की अवधि तीन साल से बढ़ाकर पांच साल की जाएगी। इस तरह कंस्ट्रक्शन में देर के कारण अपने घरों का पजेशन न पाने वाले बायर्स चैन की नींद सो सकते हैं। अब तक ऐसा था कि अगर खरीदार को लोन लेने के तीन साल के भीतर पजेशन न मिले तो टैक्स डिडक्शन घटकर 30,000 रुपये रह जाता था।

3. टैक्स देने वाले ऐसे लोग जो किराए के मकानों में रहते हैं और हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) नहीं लेते, उन्हें अब अपनी सालाना आमदनी में से 24,000 रुपये की जगह 60,000 रुपये पर टैक्स छूट मिलेगी।

4. जिसने पहली बार घर खरीदने के लिए 35 लाख रुपये तक का होम लोन लिया है, उसकी ब्याज राशि में से 50,000 रुपये टैक्स फ्री होगी। बशर्ते घर की कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो।

5. सुपर रिच या जिनकी सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन्हें सरचार्ज के रूप में अब 12 प्रतिशत की जगह 15 प्रतिशत टैक्स भरना होगा।

6. साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा का लाभांश पाने वाले लोगों को कुल लाभांश पर 10 प्रतिशत का टैक्स देना होगा।

7. 10 लाख या उससे ज्यादा की कीमत वाली कारों की खरीद पर 1 प्रतिशत का टैक्स लगेगा। वहीं, 2 लाख रुपये से ज्यादा की सर्विस लेने या सामान खरीदने के बदले कैश देने पर भी 1 प्रतिशत का टैक्स देना होगा। छोटी पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी कारों पर एक प्रतिशत का इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस लगेगा जबकि तय क्षमता वाली डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत और एसयूवीज पर 4 प्रतिशत का सेस लगेगा। इससे सभी कारें महंगी हो जाएंगी।

8. रेस्तरां में खाना, प्रॉपर्टी खरीदना, इंशूरंस करवाना तथा मोबाइल फोन कॉल करना। ये सभी 1 जून, 2016 से महंगे पड़ने वाले हैं क्योंकि इन सब पर 0.5 प्रतिशत का कृषि कल्याण सेस लगेगा।

9. कई सेवाओं पर टैक्स छूट खत्म कर दी गई है। इनमें अनुबंधित वाहनों में यात्रा करना, वकीलों का दूसरे वकीलों को सेवाएं देना आदि शामिल है।

10. उन प्रफेशनल्स और फ्रीलांसर्स को आम बजट में बड़ी राहत देने का प्रस्ताव किया गया है, जिनकी कमाई 50 लाख रुपये सालाना से कम है। फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने इन लोगों को प्रिजम्टिव टैक्सेशन के दायरे में लाने का प्रस्ताव किया है। प्रस्ताव के मुताबिक, इन टैक्सपेयर्स को प्रॉफिट डिक्लेयर करना होगा और ग्रॉस रिसीट्स पर 50 पर्सेंट की पहले से तय दर से टैक्स चुकाना होगा। इस तरह उन्हें बुक्स मेंटेन करने, इनकम पर नजर रखने या ऑडिट कराने की जरूरत नहीं रहेगी।

11. अगले वित्त वर्ष से सिगरेट की कीमतें बढ़ जाएंगी क्योंकि तंबाकू उत्पादों (बीड़ी को छोड़कर) पर एक्साइज ड्यूटी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। यह व्यवस्था 1 अप्रैल, 2016 यानी नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू हो जाएगी।

12. ऐसे इंशूरंस प्रीमियम्स सस्ते होंगे जिनके लिए एक बार ही प्रीमियम भरने होते हैं क्योंकि पॉलिसी प्रीमियमों पर सर्विस टैक्स 3.5 प्रतिशत से घटाकर महज 1.4 प्रतिशत कर दिया गया है।

13. सैलरी 15 हजार रुपये से ज्यादा होने पर पहली अप्रैल के बाद ईपीएफ समेत प्रविडेंट फंडों और पेंशन फंड के 60 पर्सेंट हिस्से पर रिटायरमेंट टैक्स।

14. एनपीएस और ईपीएफओ की एन्यूइटी सर्विसेज पर सर्विस टैक्स नहीं लगेगा। ईपीएफओ सर्विस टैक्स भी नहीं लेगा। ईपीएफओ में जमा बैलेंस के भुगतान पर टीडीएस की लिमिट भी 30 हजार की जगह 50 हजार रुपये होगी।

15. न्यू पेंशन स्कीम में मच्योरिटी पर 40 पर्सेंट निकासी टैक्स फ्री होगी। कर्मचारी की मौत पर एनपीएस की राशि नॉमिनी को टैक्स फ्री मिलेगी।

16. 15,000 रुपये से कम सैलरी वाले नए कर्मचारी के पहले तीन साल के लिए एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम के तहत एम्प्लॉयर का 8.33 पर्सेंट का योगदान सरकार देगी।

17. ब्रैंडेड कपड़े महंगे होंगे क्योंकि बजट में 1,000 रुपये से ज्यादा की कीमत वाले ब्रैंडेड पोशाकों पर 6 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव है। नकली आभूषण पर भी बेसिक कस्टम्स ड्यूटी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।

18. शेयर ऑप्शंस के मामले में सिक्यॉरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स 0.017 पर्सेंट की जगह 0.05 पर्सेंट होगा।

19. सॉवरिन गोल्ड बॉण्ड स्कीम से हटने पर कैपिटल गेंस टैक्स नहीं लगेगा, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस में इन्डेक्सेशन का लाभ मिलेगा।

20. टैक्स और 45 पर्सेंट पेनल्टी के लिए चार महीने का विंडो पीरियड दिया जाएगा।

21. इनकम टैक्स की धारा 44 एडी के तहत पूर्व अनुमानित टैक्सेशन योजना के तहत टर्नओवर की रकम एक करोड़ की जगह दो करोड़ रुपये होगी। इसका लाभ 33 लाख छोटे कारोबारियों को मिलेगा। नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स 25 पर्सेंट होगा। स्टार्टअप में एसटी, एससी, महिला उद्यमियों के लिए 3 साल तक 100 पर्सेंट टैक्स छूट और 500 करोड़ रुपये आवंटन।