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बजट पर बिफरीं मायावती, कहा- लच्छेदार बातों वाला गरीब विरोधी

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्रीय बजट को केवल लच्छेदार बातों वाला गरीब-विरोधी एवं धन्नासेठ-समर्थक बताया और कहा कि प्रधानमंत्री बताये कि अच्छे दिन के वादे का क्या हुआ. केन्द्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने आज अपने बयान में कहा कि केवल अलंकृत भाषणों एवं लच्छेदार बातों से गरीबों एवं मेहनतकश जनता का पेट नहीं भरने वाला है. मोदी सरकार को दावे के सम्बन्ध में जिम्मेदार एवं जवाबदेह सरकार की तरह वास्तविकता का लेखा-जोखा भी जनता को बताना चाहिये.

उन्होंने कहा कि अब तक केवल हवा-हवाई बयानबाजी ही की गयी है उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का आज का बजट वास्तव में भारत के हितों की रक्षा करने वाला बजट नहीं है. ग्रामीण युवा को सबसे ज्यादा बेहतर रोजगार के अवसर मुहैया कराने की जरूरत है पकोड़ा बेचकर रोजगार अर्जित करने के सरकारी सुझाव की नहीं. करोडों शिक्षित बेरोजगार लोग बहुत ही मजबूरी में पहले से ही पकौड़ा एवं चाय बेचने वाला काम कर रहे हैं, जो उनकी कौशलता के हिसाब से बिल्कुल भी सही व न्यायोचित नहीं है. यह मोदी सरकार की विफलता का जीता-जागता प्रमाण है.

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केवल अलंकृत भाषणों एवं लच्छेदार बातों से ग़रीबों तथा मेहनतकश जनता का पेट नहीं भरने वाला है. एक जिम्मेदार तथा जवाबदेह सरकार की तरह उनकी सत्यता का वास्तविकताओं का लेखा-जोखा भी जनता की संतुष्टि के लिये बताना चाहिये. अब तक केवल हवा-हवाई बयानबाजी ही की गयी है.

प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट वास्तविक भारत के हितों की रक्षा करने वाला नहीं है. ग्रामीण भारत को सबसे ज़्यादा सम्मानजनक जीवन जीने के लिये उसकी अपनी क्षमता के अनुसार बेहतर रोजगार के अवसर मुहैया कराने की ज़रूरत है. उन्हे ‘पकोड़ा बेचकर’ रोज़गार अर्जित करने के सलाह की जरूरत नही है. करोडों शिक्षित बेरोज़गार मजबूरी में पहले से ही पकोड़ा तथा चाय बेचने वाला काम कर रहे हैं. यह मोदी सरकार की विफलता का जीता-जागता प्रमाण है. उन्होने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकतायें देश के करोड़ों ग़रीबों, मजदूरों, किसानों तथा अन्य मेहनतकश लोगों के हितों को साधने वाली कतई नहीं रही है. विकास के जो दावे सरकार द्वारा किये जाते रहे हैं उसका थोड़ा भी लाभ इन वगरें के लोगों को नहीं मिल पाया है.