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बजट के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में आई स्वामीनाथन रिपोर्ट की पूरी कहानी

नई दिल्ली। गुरुवार को बजट में सरकार ने किसानों की चिंता जताते हुए कुछ अहम कदम उठाए. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने सबसे ज्यादा समय किसानों की योजनाओं के एलान में ही किया. सरकार के इन एलानों के बाद पिछले 24 घंटों मे स्वामीनाथन रिपोर्ट रिपोर्ट की सबसे ज्यादा चर्चा हुई.

कौन हैं एमएस स्वामीनाथन और क्या कहती है उनकी रिपोर्ट?
यूपीए सरकार ने प्रोफेसर स्वामीनाथन की अध्यक्षता में नवंबर 2004 को ‘नेशनल कमीशन ऑन फारमर्स’ बनाया था. दो सालों में इस कमेटी ने छह रिपोर्ट तैयार कीं. इसमें ‘तेज और संयुक्त विकास’ को लेकर सिफारिशें की गईं थी.

इन सिफारिशों में किसानों के हालात सुधारने से लेकर कृषि को बढ़ावा देने की सलाह दी गईं थीं. इन्हीं सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर किसानों ने मंदसौर में हिंसक आंदोलन किया था. बता दें कि प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक माना जाता है. यह देश के मशहूर कृषि वैज्ञानिक हैं. स्वामीनाथन ने खाघान में देश को आत्मनिर्भर बनाया है. स्वामीनाथन को पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है.

क्या वाकई सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया?
सरकार के मंत्री दावा कर रहे हैं कि बजट में एमएसपी को डेढ़ गुनाकर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कर दीं. लेकिन क्या वाकई ऐसा है? एबीपी न्यूज़ ने कुछ सवालों के जरिए इसकी पड़ताल की है.

क्या कहती है रिपोर्ट?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसान की लागत में 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर तय किया जाना चाहिए

सरकार ने क्या किया?
इस बजट में लागू कर दिया

क्या कहती है रिपोर्ट?
सभी को सही मात्रा में पानी मिले. इस लक्ष्य से पंचवर्षीय योजनाओं में ज्यादा धन आवंटन हो.

सरकार ने क्या किया?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में बजट आवंटित किया गया. ‘हर खेत पानी’ KE लक्ष्य

क्या कहती है रिपोर्ट?
प्राकृतिक आपदाओं में बचाने के लिए कृषि राहत फंड बनाया जाए

सरकार ने क्या किया?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मजबूत बनाया.

क्या कहती है रिपोर्ट?
सस्ती दरों पर क्रॉप लोन मिले

सरकार ने क्या किया?
चार फीसदी रियायती ब्याज दर पर तीन लाख रुपए तक लोन देने का फैसला

क्या कहती है रिपोर्ट?
मृदा जांच एवं उत्पादकता बढाने की तकनीक को लाया जाए

सरकार ने क्या किया?
सॉयल हेल्थ कार्ड के माध्यम से मृदा की जांच करके, अत्यधिक उत्पादन क्षमता बढ़ाने की कोशिश

सरकार के दावों पर प्रोफेसर स्वामीनाथन की मुहर
इससे साफ है कि सरकार ने आयोग की ये सिफारिशें मान ली है और बाकी सिफारिशों की दिशा में प्रयास किया. जिसका जिक्र बीजेपी ने 2014 के चुनावी घोषणापत्र में भी किया था.  सरकार के दावों पर खुद स्वामीनाथन ने मुहर लगा दी. प्रोफेसर स्वामीनाथन ने कहा, ”मुझे खुशी हैं कि मेरी सिफारिशें लागू की गईं, ये देर उठाया गया सही कदम है.”