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बंगाल में सेना: विपक्ष ने मिलकर सरकार पर बोला जोरदार हमला

loksabhaनई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे के बाद पश्चिम बंगाल में सेना की मौजूदगी के मामले पर विपक्ष ने एकबार फिर मिलकर केन्द्र सरकार पर हमला बोल दिया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अगुआई में कांग्रेस और बीएसपी ने शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा, दोनों जगह सरकार को घेरा। दोनों ही सदनों में भारी शोर-शराबा हुआ। बता दें कि पश्चिम बंगाल के कुछ टोल प्लाजा पर सेना के अभ्यास को लेकर राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ममता ने इसकी तुलना ‘आपातकाल’ से की है। ममता ने तो इसे ‘सैन्य तख्तापलट’ तक करार दे दिया है।

पश्चिम बंगाल में सेना की मौजूदगी के मुद्दे का सवाल तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में उठाते हुए सरकार से सफाई की मांग की। टीएमसी सांसद ने कहा कि इसके लिए पश्चिम बंगाल सचिवालय से इजाजत नहीं ली गई थी। उन्होंने कहा कि सचिवालय के बिना जानकारी के ही विद्यासागर टोल नाकों समेत राज्यभर के 90 जगहों पर सेना की तैनाती कर दी गई। बंदोपाध्याय ने कहा, ‘सरकार इसे रूटीन अभ्यास बता रही है। लेकिन टोल कलेक्शन के लिए सेना का इस्तेमाल क्यों किया गया? इस अभ्यास के बारे में रक्षा मंत्रालय राज्य सरकार को बता सकती थी। सेना ने कहा कि यह रूटीन अभ्यास है। सेना ने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय समेत सभी उत्तर पूर्व राज्यों में इस अभ्यास को कर रही है। हम सेना का सम्मान करते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल उत्तर पूर्व राज्य का हिस्सा नहीं है।’

टीएमसी सांसद ने मांग की कि सरकार तुरंत राज्य से सेना को हटाए। बंदोपाध्याय ने साथ ही कहा कि आगे से इस तरह का कोई अभ्यास हो तो सरकार के स्तर पर इसकी जानकारी जरूर दी जाए। वहीं, राज्यसभा में टीएमसी सांसद सुखेन्दु रॉय ने सेना के अभ्यास के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘बंगाल की जनता अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी है और वह मोदी के खिलाफ भी लडे़गी। पहले किसी राज्य में ऐसा नहीं हुआ है।’

कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा
कांग्रेस ने राज्यसभा में सरकार पर सवाल उठाए। मामला उठाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘सरकार बल्कि पीएम को इस मसले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्यों वह राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण कर रही है? सेना टोल नहीं लेती है। पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की भी कोई समस्या नहीं थी, जिसके लिए सेना की तैनाती की जाए।’

बीएसपी ने बताया संविधान पर हमला
बीएसपी प्रमुख मायावती ने सेना की मौजूदगी के मुद्दे को संविधान पर हमला बताया। मायावती ने राज्यसभा में कहा, ‘बंगाल से सीएम के साथ ज्यादती हो रही है। यह भारतीय संविधान पर बहुत बड़ा हमला है। सेना का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’