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फ्लाईओवर हादसा: चश्मदीदों ने बताया कितनी भीषण थी दुर्घटना

dead coकोलकाता। कोलकाता में निर्माणाधीन फ्लाईओवर का हिस्सा गिरने से जानमाल का बड़ा नुकसान होने की आशंका है। बचाव कार्य के साथ ही लाशों और घायलों के निकलने का सिलसिला जारी है। कोलकाता पुलिस ने अब तक 14 लोगों के मरने और 78 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। हादसे की भयावहता का जिक्र करते हुए चश्मदीदों ने कहा कि जब पुल गिरने की शुरुआत हुई तो ऐसा लगा जैसे भीषण धमाका हुआ हो। निर्माणाधीन पुल का करीब 100 मीटर हिस्सा गिरा है।

घटनास्थल के नजदीक ही रहने वाले चश्मदीद ने बताया कि गिरने की आवाज किसी धमाके की तरह थी और अब भी उसकी दहशत बनी हुई है। चश्मदीद ने कहा कि महिलाएं और बच्चे डर के मारे बुरी तरह रो रहे थे। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘सीमेंट और अन्य सामान कल शाम को चढ़ाया जा रहा था। लेकिन यह आज अचानक ढह गया। फ्लाईओवर के मलबे में करीब 150 लोगों के दबे होने की आशंका है।’ केंद्र सरकार की ओर से बचाव कार्य के लिए सेना को भी इंजिनियरों और मेडिकल टीम के साथ भेजा गया है।

एक चश्मदीद ने कहा कि पुल के नीचे अब भी तमाम लोग फंसे हो सकते हैं। घटनास्थल के नजदीक रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि इस तरह के पुलों का निर्माण किया जाना, सरकार द्वारा लोगों का उत्पीड़न है। निर्माणाधीन फ्लाईओवर के नजदीक रहने वाली एक महिला ने कहा, ‘मेरा घर हिलने लगा था। मैंने बाहर आकर देखा तो पुल नीचे गिर चुका था।’ एक अन्य महिला ने कहा कि हम लोग अब तक इस हादसे की दहशत से बाहर नहीं निकल पाए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं।

दुर्घटना पर विरोधी दलों ने राज्य की तृणमूल सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। सीपीएम संसाद मोहम्मद सलीम ने सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर ब्रिज का काम दिन में क्यों किया जा रहा था? केंद्र सरकार में मंत्री और बंगाल के आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने फ्लाई ओवर हादसे के पीछे लापरवाही का आरोप लगाया है। बीजेपे नेता और पश्चिम बंगाल के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस दुर्घटना के लिए ममता सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार मंत्रियों और लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।