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पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान मोहम्मद शाहिद का निधन

shahidगुड़गांव। पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान मोहम्मद शाहिद का लंबी बीमारी के बाद गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 56 साल थे। मोहम्मद शाहिद लगातार तीन ओलिंपिक 1980, 1984 और 1988 की भारतीय टीम के सदस्य थे। वह पिछले कुछ समय से लीवर और किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे।

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान को उनके शानदार खेल प्रदर्शन के आधार पर पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। मॉस्को ओलिंपिक 1980 में आखिरी बार गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के कप्ताल रहे मोहम्मद शाहिद बनारस के मूल निवासी थे। पिछले महीने पेट दर्द के कारण शाहिद को BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में रेफर किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओलिंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीत चुके केंद्रीय राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मोहम्मद शाहिद के असामयिक निधन पर अफसोस जाहिर किया है। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर अपने संदेश में कहा, ‘भारत ने एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी खो दिया है। हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन न तो हमारी मदद और न ही हमारी प्रार्थनाएं उन्हें बचाने के लिए काफी थीं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’

1982 और 1986 के एशियन गेम्स में मैदान में शाहिद के साथ खेल चुके जफर इकबाल ने उनके निधन पर दुख जताया और नवभारतटाइम्सडॉटकॉम से बात करते हुए कहा, ‘मैं बेहद दुखी हूं, मैंने अपना बेहद करीबी साथी खो दिया है। हम करीब 7 साल साथ खेले। खेल को उनका अगाध योगदान है।’

शाहिद के निधन की खबर पर भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और गोलकीपर आर श्रीजेश ने भी दुख जताया है। श्रीजेश भारतीय टीम के साथ बेंगलुरु में 20 दिन के अभ्यास कैंप में हैं। वहां से उन्होंने नवभारतटाइम्स को कहा, ‘मैं इस खबर से अवाक हूं। जब मैं उनसे मिला था उनकी हालत बेहद खतरे में थी। यह भारतीय हॉकी के लिए बड़ा नुकसान है। वह एक महान खिलाड़ी थे जो भारतीय हॉकी को एक अलग स्तर पर लेकर गए।’

शाहिद के साथ ओलिंपिक टीम के सदस्य रहे एमएम सोमाया ने कहा, ‘मैं शाहिद की यह खबर पचा नहीं पा रहा हूं। 80 के दशक में उनका खेल देखने वालों लोंगों के दिल में शाहिद के लिए खास जगह है।’ सोमाया शाहिद के साथ तीन ओलिंपिक खेल चुके हैं।

हॉकी की दुनिया में ड्रिब्लिंग के बादशाह कहे जाने वाले मोहम्मद शाहिद की अगुवाई में भारतीय हॉकी टीम ने 1982 और 1986 के एशियाड में रजत और कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। शाहिद को 1981 में अर्जुन पुरस्कार के साथ 1986 में पद्मश्री अलंकरण से नवाजा गया था।