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पुलिस ही नहीं अधिकारियों से भी थी विकास दुबे की सेटिंग, भूमाफिया सूची में नाम न होने पर एडीजी की बैठक में खुलासा

कानपुर। भूमाफिया सूची में विकास दुबे का नाम न होना गम्भीरता से लिया जा रहा है। पुलिस के नोडल अधिकारी एडीजी पीएचक्यू ने भी समीक्षा में इस बिंदु को शामिल किया है। उन्होंने एसएसपी ऑफिस में बैठकर जिले में अपराध और अपराधियों की समीक्षा की। साथ ही विकास एनकाउंटर के बारे में भी जानकारी ली।

शासन की तरफ से एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वह आज कानपुर में अपराध, अपराधियों, पुलिस कार्यप्रणाली और कोविड की समीक्षा करेंगे। शनिवार सुबह एडीजी एसएसपी ऑफिस पहुंचे। वहां अपराध और अपराधियों से जुड़ी फाइलें निकलवाई गईं और समीक्षा शुरू की। जिले के भू-माफिया की सूची मंगवाई गई। सूची में विकास दुबे का नाम ही नहीं थी। उनके सवाल पर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भू-माफिया को प्रशासन द्वारा चिह्नित किया जाता है। इसमें उन लोगों को शामिल किया जाता है जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे हो। यह प्रशासन द्वारा तय किया जाता है। जो भूमाफिया चिह्नित होते हैं। उनकी सूची एसएसपी को भेजी जाती है और वहां से थानावार भेज दी जाती है। विकास का नाम शामिल न होने का मतलब है कि उसकी प्रशासनिक स्तर पर भी बड़ी सेटिंग थी। सूत्रों के मुताबिक एडीजी पीएचक्यू इस तथ्य को अपनी समीक्षा रिपोर्ट में शामिल करेंगे।

टॉप-10 अपराधियों और थानेदारों की नियुक्ति के बारे में ली जानकारी 
कानपुर में टॉप 10 अपराधी, गैंगस्टर की कार्रवाई से लेकर अपराधियों की सम्पत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई तक की एडीजी ने समीक्षा की। इसके अलावा उन्होंने थानों पर पुलिस कर्मियों की नियुक्ति के बारे में जानकारी ली। थानेदार को नियमानुसार तैनाती मिली है कि नहीं। कहीं कोई ऐसे पुलिसकर्मी तो नहीं जो सालों से एक ही थाने में तैनात हैं। इन सब बिन्दुओं पर भी समीक्षा की गई। इस दौरान एडीजी को कुछ खामियां मिली है जिसमें उन्होंने सुधार के निर्देश दिए हैं। रविवार को पूरे दिन समीक्षा करने के बाद एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड शाम को वापस लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे। समीक्षा रिपोर्ट वह तीन चार दिन बाद शासन को सौंप देंगे।