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पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने तरीके से सरकार चलाने की दी पूरी छूट

लखनऊ। प्रचंड बहुमत से यूपी चुनाव जीतने के बाद जिस तरह पीएम मोदी ने योगी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का बड़ा फैसला लिया था, ठीक वैसा ही एक और फैसला उन्होंने ले लिया है. अभी-अभी आयी एक खबर इतनी हैरतअंगेज है कि इसके सामने आते ही यूपी की राजनीति में खलबली मच गयी है. विपक्षी नेताओं के मन में भी हलचल शुरू हो गयी है.

दरअसल विपक्ष को लगा था कि भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बनाया गया है लेकिन फिर भी सत्ता तो पीएम मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के इशारे पर चलेगी. लेकिन विपक्ष को धता बताते हुए पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने तरीके से सरकार चलाने की पूरी छूट दे दी है.

खबर आयी है कि पीएम मोदी ने फैसला किया है कि योगी के काम में कोई भी दखल नहीं दिया जाएगा और उन्हें उनकी इच्छा से सरकार चलाने की पूरी आजादी होगी. यानी अब वो जैसे चाहे वैसे कड़े फैसले खुद ले पाएंगे, उसके लिए उन्हें हर बार बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात नहीं करनी होगी. और योगी तो कड़े फैसले लेने के लिए प्रसिद्द हैं.

बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं और आला सरकारी अफसरों के हवाले से आयी इस बेहद हैरतअंगेज खबर के मुताबिक़ ये फैसला पिछले मंगलवार को तब लिया गया जब योगी दिल्ली आये थे और उन्होंने पीएम मोदी व् बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात की.

दिल्ली आने के बाद योगी ने संसद को भी संबोधित किया था. नाम ना बताने की शर्त पर इन नेताओं ने बताया कि हाल ही में मीडिया द्वारा फैलाई गयी वो सभी ख़बरें बिलकुल झूठी थी, जिनमे कहा गया था कि केंद्र सरकार यूपी सरकार पर अपना नियंत्रण रखेगी.

उन्होंने बताया कि मीडिया ने खबर चलाई कि पीएम मोदी ने अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा को लखनऊ में राज्य की प्रशासनिक नियुक्तियों की निगरानी के लिए तैनात किया है, जोकि सरासर गलत खबर है. उन्होंने बताया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो जिस दिन मिश्रा के लखनऊ में होने की खबर दी गई थी, उस दिन वो दिल्ली में ही थे.

बीजेपी के एक बड़े नेता ने बताया कि पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ केवल कुछ संवेदनशील नियुक्तियों जैसे चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, पर ही चर्चा की जाएगी. इस चर्चा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुझावों की ओर भी ध्यान दिया जाएगा. इस तरह की संवेदनशील नियुक्तियों को आम सहमति द्वारा किया जाएगा.

पीएम मोदी को योगी पर पूरा-पूरा भरोसा !

वहीँ एक बीजेपी नेता ने बताया कि फैसला लिया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके हिसाब से सरकार चलाने की पूरी छूट दी जायेगी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से नीतियों को लेकर सुझाव तो दिए जाएंगे लेकिन उनपर केंद्र का कोई भी फैसला थोपा नहीं जाएगा.

उन्होंने बताया कि यूपी एक बड़ा और महत्वपूर्ण राज्य है, इसके चलते यदि राज्य सरकार केंद्र से कोई राय मांगती है तो केंद्र सरकार की ओर से तुरंत उसका जवाब दिया जाएगा. यानी यूपी पर अब पूरी तरह से योगी का राज चलेगा. वही नीतियां चलेंगी जो वो चाहेंगे, यूपी सरकार में भी वो ही फैसले लिए जाएंगे जो उन्हें ठीक लगेंगे.

कुल मिलाकर देखा जाए तो ऐसा लगता है कि पीएम मोदी को योगी पर पूरा-पूरा भरोसा है और वो यूपी में उन्हें उनकी काबिलियत दिखाने का पूरा मौक़ा देना चाहते हैं.