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पीएम मोदी ने नौसैनिकों के बदले इटली से मांगे थे सोनिया के खिलाफ सबूत? कांग्रेस भड़की

Italian-PMनई दिल्ली। इटली के दो नौसैनिकों को रिहा करने के बदले में इटली सरकार से सोनिया गांधी और उनके परिवार के खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में सबूत मांगे जाने की खबरों पर कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा है। कोलकाता के एक अखबार की रिपोर्ट में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इटली सरकार से इस तरह की डील की कोशिशा किए जाने का दावा किया गया है। इस रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘इस मामले में पीएमओ को जवाब देना चाहिए।’
‘द टेलीग्राफ’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय एजेंसियों के लिए वॉन्टेड ब्रिटिश आर्म्स एजेंट ने इस तरह का आरोप लगाया है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी इस बहाने सीधे पीएम नरेंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए ट्वीट किया, ‘मिस्टर प्राइम मिनिस्टर क्या यह सही है?’ दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट के साथ उस रिपोर्ट की तस्वीर भी साझा की जिसमें 54 वर्षीय एजेंट क्रिश्टियन मिशेल ने ‘इंटरनैशनल ट्रिब्यूनल ऑफ द लॉ ऑफ द सीज’ और परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रैशन को लिखे पत्र में यह दावा किया था। इटली और भारत सरकार नौसैनिकों द्वारा मछुआरों की गोली मारकर हत्या करने के मामले में ‘इंटरनैशनल ट्रिब्यूनल ऑफ द लॉ ऑफ द सीज’ और परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रैशन में मुकदमा लड़ रही हैं।

मिशेल ने आरोप लगाया कि सितंबर 2015 में न्यू यॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पीएम मोदी ने इटली के प्राइम मिनिस्टर मैटेयो रेंजी के साथ मुलाकात में नौसैनिकों को रिहा करने के बदले गांधी परिवार के खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सबूत मांगे थे। इटली की कंपनी फिनमेक्कानिका की सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड को 2010 में राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत शीर्ष नेताओं के लिए 12 चौपर सप्लाइ करने का ठेका 3,600 करोड़ रुपये में मिला था। इस डील में दलाली के आरोप लगे थे।

टेलीग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इन खबरों को विदेश मंत्रालय ने ‘बकवास’ करार दिया, जबकि इटली की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक मिशेल ने कहा कि वह जानते हैं कि उनका यह आरोप बेहद गंभीर है, लेकिन वह अपनी बात पर कायम हैं। 15 फरवरी, 2012 को दो भारतीय मछुआरों की इटली के नौसैनिकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में नौसैनिक मैसिमिलियानों लाटोरे और सल्वातोरे गिरोने के खिलाफ मामला चल रहा है। दोनों का तर्क है कि उन्होंने मछुआरों को गलती से समुद्री लुटेरा समझ लिया था और आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। इटली का कहना है कि जहाज उस वक्त अंतरराष्ट्रीय सीमा में था, इसलिए भारतीय कानून के आधार पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए।

हालांकि भारत का पक्ष है कि नौसैनिकों ने भारतीय मछुआरों की ओर से बिना कोई हरकत हुए ही उन पर हमला बोल दिया था। फिलहाल दोनों मछुआरों पर भारत में हत्या का केस चल रहा है। इस मामले की वजह से 2012 में इटली और भारत के बीच कूटनीतिक संबंध बेहद खराब हो गए थे।