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पीएफ नियमों में बदलाव करेगी सरकार, घर के लिए ऐसे निकाल पाएंगे आप 90 फीसदी रकम

नई दिल्ली। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना में संशोधन का निर्णय किया है ताकि सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ के सदस्य अपने लिए घर खरीदने या मकान के निर्माण अथवा स्थल के अधिग्रहण के लिए अपने कोष से 90 फीसदी राशि की निकासी कर सकें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक सबको आवास प्रदान करने के वादे के मद्देनजर इस बदलाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ईपीएफ योजना 1952 में संशोधन के बाद सरकार अथवा आवासीय एजेंसी या प्राथमिक ऋण देने वाली एजेंसी या फिर संबंधित बैंकों को बकाया भुगतानों या फिर ब्याज की वापसी के लिए मासिक किस्तों का भुगताान भी सदस्य की जमा धनराशि से किया जा सकेगा.

दत्तात्रेय ने बताया कि वर्ष 2015-16 की वाषिर्क रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2016 को ईपीएफ सदस्य खातों की कुल संख्या 17.14 करोड़ है. वर्ष 2015-16 के दौरान औसतन, अंशदान 3.76 करोड़ सदस्यों के संबंध में प्राप्त हुए हैं. उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत भविष्य निधि (पीएफ) खाते से निकासी की सुविधा केवल उन्हीं पीएफ सदस्यो को उपलब्ध होगी जो निर्धारित शर्तो को पूरा करते हों.

नए नियमों के मुताबिक एपीएफ स्कीम का लाभ उठाने के लिए कम से कम 10 सदस्यों को सहकारी समिति बनानी होगी. दत्तात्रेय ने कहा कि प्रस्तावित अनुच्छेद को ईपीएम स्कीम में जोड़े जाने की अभी तक अधिसूचना नहीं की गई है इसलिए अभी इसके लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया गया है.

ऐसे मिलेगा स्कीम का लाभ
ईपीएफओ के ग्राहक सदस्यों के साथ साथ उनके नियोक्ताओं को एक ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाने की जरूरत होगी जो आगे बैंकों और बिल्डरों या विक्रेताओं से गठजोड़ करेंगे ताकि सदस्य घर खरीद सकें. इस योजना के तहत इस बात की परिकल्पना की गई है कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में कम से कम 20 सदस्य हों ताकि इस सुविधा का लाभ लिया जा सके. सूत्रों के अनुसार ग्राहक सदस्य विभिन्न आवास योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले लाभों को एक साथ जोड़ सकते हैं ताकि सरकार के सभी के लिए आवास के लक्ष्य पाने में आगे बढ़ा जा सके.