Breaking News

‘पिता’ हार कर भी नहीं हारा और ‘पुत्र’ जीत कर भी हार गया !

Surya Pratap Singh

अपराजेय अखिलेश….उत्तर प्रदेश चुनाव का मुख्य चेहरा … फिर भी मुसलमान वोट अहम !!
पिता मुलायम ने पुत्र अखिलेश को साईकिल देने से मना कर दिया था परंतु चुनाव आयोग ने मुलायम से साईकिल छिन अखिलेश को दे दिया …. अब पिता क्या करेगा। पुत्र अखिलेश ने साईकिल तो जीत ली परंतु पिता मुलायम के प्यार को खोकर एक पुत्र की आज हार भी हुई। राजनीति में रिश्तों का इस कलयुग में कोई महत्व नहीं।
मुसलमान की सहानुभूति आज भी मुलायम सिंह के साथ है… अखिलेश को यह समझना होगा। अखिलेश ने मुसलमान के लिए अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया जैसा मुलायम सिंह ने मस्जिद को बचाने के लिए किया था… कर सेवक मरवाए थे। अखिलेश के शासन में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में मुसलमानों की अपेक्षा के अनुसार काम नहीं किया … वहाँ मुसलमान अखिलेश से नाराज़ है। यदि अखिलेश को मुलायम का साथ चुनाव चिन्ह पा लेने के बाद भी नहीं मिला तो अखिलेश को अपने को अपराजेय नहीं मानना चाहिए। अभी मायावती भी मुसलमान पर नज़र गढ़ाए हुए है।
अखिलेश का कोंग्रेस व रालोद से गठबंधन होता भी है तो इस गठबंधन की सफलता मुसलमान के समर्थन पर निर्भर करेगी। यदि मुलायम सिंह लोकदल के चिन्ह पर अलग चुनाव लड़ते हैं , तो अखिलेश की राह में रोड़ा बन सकते हैं। यदि मुलायम अब पीछे हटते हैं, तो लोग इस कलह को ड्रामा ज़रूर कहेंगे।
भाजपा की लड़ाई किस से होगी?अभी कहना मुश्किल है। भाजपा के लड़ाई उसी पार्टी से होगी जिसके साथ मुसलमान होगा ….और मुसलमान उसी का साथ देगा जो भाजपा को हरा सके।
मुलायम की हार व अखिलेश की राजनीतिक जीत तो ज़रूर हुई …परंतु रिश्तों में ‘पिता’ हार कर भी नहीं हारा और ‘पुत्र’ जीत कर भी हार गया !
यह बात अलग है कि यदि यह बात सच है कि ‘नियति आपके कर्मों का फल आपके जीवन काल में ही दे देती है’, तो मुलायम द्वारा अपने अनेक राजनीतिक संरक्षकों- चन्द्र शेखर, चरण सिंह व वीं. पी. सिंह को धोखे से हराया था, आज अपने ही पुत्र के हाँथों ‘जैसी करनी-वैसी भरनी’ को चरितार्थ करते हुए पटकनी खाई… बुढ़ापा ख़राब हो गया…. किसी ने ठीक कहा है कि …
जीवन कथा जाए नहीं बरनी, जैसी करनी, वैसी भरनी।
सुदर्शन की एक कहानी आपको याद होगी …’हार की जीत’, जिसने एक डाकू खड़क सिंह , अपने गुरु बाबा भारती के ‘सुल्तान’ नामक घोड़े को ले उड़ा था …. यहाँ बाबा भारती तो कोई है नहीं, और घोड़े की लड़ाई में डाकू भी अकेला नहीं है ….. एक सुल्तान(साईकिल) को ले उड़ा और दूसरा टापता रह गया !!!