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पाकिस्तान से बदले की तैयारी, देश में भयंकर जनाक्रोश और पूर्व सैनिकों के तीखे तेवर

modi-1नई दिल्ली ।  उरी में सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में 18 जवानों की शहादत से पूरे देश में उबाल है. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

सवाल यही पूछा जा रहा है कि आखिर ऐसी शहादतें कब तक होती रहेंगी? पाकिस्तान की इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब कब और कैसे दिया जाएगा, यह सवाल आम देशवासी, शहीदों के परिजन व पूर्व सैनिक और राजनेता भी पूछ रहे हैं. भारतीय सेना पर अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले की तपिश से रायसीना हिल्स भी बेचैन है.

नॉर्थ ब्लॉक से लेकर साउथ ब्लॉक तक सोमवार को पूरे दिन गहमागहमी रही. आंतरिक मामलों के मुखिया गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नॉर्थ ब्लॉक में सेना प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रॉ, अर्धसैनिक बलों, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ माथापच्ची की तो उसके बाद खुद प्रधानमंत्री ने आला स्तर की बैठक की, जिसमें गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, सेना प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक कर जवाबी रणनीति की तैयारी की गयी.

इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें पूरे हालात से अवगत कराया. पाकिस्तान से बदला लेने की रणनीति पर काम हो रहा है. सरकार पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कूटनीतिक और राजनीतिक तौर पर बुरी तरह घेरकर अलग- थलग करने की तैयारी कर रही है. उसके साथ ही पाकिस्तान से सीधे तौर पर निपटने की भी रणनीति बन रही है. उधर सेना भी करारा जवाब देने के लिए सही मौके और सही जगह पर कार्रवाई करने के लिए कमर कस रही है.

जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि वह इस तरह के हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. वह सही समय तथा उचित जगह पर कार्रवाई करेगी.

सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने नियंत्रणरेखा और शहरी क्षेत्रों में आतंकवादी घुसपैठ से उत्पन्न स्थितियों से निपटने में काफी संयम बरता है. लेकिन वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सेना इस तरह के हमलों और हिंसा का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. उन्होंने चेतावनी दी कि सेना सही मौके और उचित जगह पर दुश्मन की हरकतों के जवाब में कार्रवाई करेगी.

ले.जनरल सिंह ने कहा कि उरी में आतंकवादी हमले के बाद चलाया गया सेना का अभियान वहां स्थित सेना के शिविर और उसके आस-पास के क्षेत्रों की पूरी तलाशी और उसे बमों तथा ग्रेनेडों से मुक्त करने के बाद शाम समाप्त कर दिया गया. मारे गये आतंकवादियों के पास से 4 ए के 47 राइफल, ग्रेनेड लांचर, लांचर ग्रेनेड, पांच हथगोले, दो रेडियो सेट, दो जीपीएस, दो मानचित्र, दो मेट्रिक्स शीट, एक मोबाइल फोन और भारी संख्या में खाद्य पैकेट तथा दवाइयां मिली हैं जिन पर पाकिस्तान का नाम लिखा है.

पिछले 3-4 वर्षों की तुलना में इस साल आतंकवादी घुसपैठ में काफी बढ़ोतरी हुई. इस वर्ष सेना ने नियंत्रणरेखा पर घुसपैठ की 17 कोशिशों को असफल किया है. जम्मू-कश्मीर में इस साल मारे गए कुल 110 आतंकवादियों में से 31 का सफाया उस समय किया गया जब वे घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे.