इस्लामाबाद। पाकिस्तान में स्कूलों पर नए सिरे से आतंकवादी हमलों की साजिश की खबरों के बीच पाकिस्तानी अधिकारियों ने आतंकवाद में कथित रुप से शामिल मदरसों के खिलाफ देशव्यापी अभियान में 182 मदरसों को बंद कर दिया है।
असोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पंजाब, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा के मदरसों को बंद किया गया है, क्योंकि चरमपंथ को बढ़ावा देने में उनकी कथित संलिप्तता थी। 20 जनवरी को खैबर-पख्तूनखवा प्रांत में पेशावर के पास बाचा खान यूनिवर्सिटी पर एक जघन्य हमले में 20 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर छात्र थे। इससे पहले दिसंबर, 2014 में पेशावर के सैनिक स्कूल पर भी आंतकी हमला किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार यह कार्रवाई राष्ट्रीय कार्रवाई योजना (एनएपी) के तहत की गई है। 2014 के दिसंबर में सेना के स्कूल पर आतंकवादी हमले के बाद एनएपी बनाई गई थी। इस बीच, आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने अभी तक 126 बैंक खातों में तकरीबन एक अरब रुपये के परिचालन पर रोक लगा दी है। इन खातों का संबंध प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के साथ था।
कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भी 25 करोड 10 लाख रुपये नकद बरामद किए। सरकार ने 8,195 लोगों का नाम चौथी अनुसूची में डाल दिया है, जबकि 188 लोगों का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट पर डाला गया है। 2052 कट्टर आतंकवादियों की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इसी तरह सरकार ने संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ 1026 मामले दर्ज किए हैं और 230 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। देश में 64 प्रतिबंधित संगठन हैं।