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पंजाब में कांग्रेस-केजरीवाल को झटका, बीजेपी-अकाली की बन सकती है सरकार: सर्वे

नई दिल्ली। ठीक एक महीने बाद पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पहली बार पंजाब विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रही है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। इस बीच एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे की माने तो पंजाब में चौंकाने वाले नतीजे हो सकते हैं। सर्वे के मुताबिक सत्ताधारी अकाली-बीजेपी गठबंधन लगातार तीसरी बार सरकार बना सकती है। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी तीसरे पायदान पर रह सकती है। सर्वे 10 से 18 दिसंबर के बीच 48 विधानसभा क्षेत्रों में किया गया।

पंजाब में कुल 117 विधानसभा सीटें हैं जहां 4 फरवरी को वोटिंग है। नतीजे 11 मार्च को आएंगे। सर्वे के मुताबिक अकाली-बीजेपी गठबंधन अपनी सरकार बचाती दिख रही है। गठबंधन को सबसे 50 से 58 सीटें मिल सकती हैं। सरकार बनाने के लिए कम से कम 59 सीटों की जरूरत है। सर्वे के मुताबिक बीजेपी-अकाली गठबंधन को 34 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं।

आम आदमी पार्टी पहली बार पंजाब विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरी है, लेकिन सर्वे में उसे बड़ा झटका दिख रहा है। आम आदमी पार्टी के पंजाब में 4 लोकसभा सांसद हैं और विधानसभा चुनाव में उसे 12 से 18 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वे के मुताबिक AAP को 21 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। आम आदमी पार्टी पंजाब चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोक चुकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत उनकी पार्टी के तमाम नेता पंजाब में धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

सर्वे के नतीजे कांग्रेस के लिए भी बड़े झटके की तरह है। 10 साल बाद सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही कांग्रेस को 41 से 49 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। कांग्रेस को 31 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। हालांकि, सर्वे में कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद के लिए वोटर्स की पहली पसंद हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए अमरिंदर 29 प्रतिशत वोटर्स की पसंद हैं तो प्रकाश सिंह बादल को 20 प्रतिशत वोटर्स मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के भगवंत मान मुख्यमंत्री पद के लिए 8 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं।

इसी सर्वे में उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यूपी में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान है। यूपी में अगर एसपी एकजुट रही तो सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर सकती है, लेकिन वह बहुमत से दूर रहेगी। एसपी में टूट से सबसे ज्यादा फायदे में बीजेपी के रहने का अनुमान है। अगर मुलायम और अखिलेश अलग हुए तो यूपी में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर सकती है, हालांकि तब भी वह बहुमत से दूर रह सकती है।