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नोटबंदी के खिलाफ CPM के साथ काम करने को तैयार ममता

mamtaकोलकाता। पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने पुराने बड़े नोटों को बाजार से वापस लिए जाने के फैसले पर शनिवार को एकबार फिर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए इसे सर्जिकल अराजकता करार दिया। वहीं, ममता ने यह भी कहा कि सीपीएम के साथ भले ही उनकी पार्टी के वैचारिक मतभेद हों, लेकिन वह नोटबंदी के खिलाफ इसके साथ काम करने को भी तैयार हैं। उनकी धुर-विरोधी पार्टी के साथ काम करने इच्छा जताए जाने के उनके इस फैसले को आश्चर्य के साथ देखा जा रहा है।

ममता ने कहा, ‘सीपीआई(एम) के साथ भले ही हमारे वैचारिक मतभेद हों, लेकिन हम देश को बचाने के लिए सीपीएम, कांग्रेस, एसपी, बीएसपी के लिए साथ काम करने को तैयार हैं।’

उन्होंने सरकार के फैसले को तानाशाही करार देते हुए कहा कि जनता-विरोधी, गरीब-विरोधी इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ममता ने सरकार के फैसले को जनता के साथ धोखा करार देते हुए यह दावा किया कि सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं को इसकी जानकारी पहले से ही थी। बंगाल की CM ने कहा, ‘ यह जनता के साथ धोखा है, मध्यरात्रि को अचानक से यह फैसला लिया गया, सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोग इसे जानते थे।’

ममता ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘लोगों की कठिनाइयों को जानने आज मैंने कई बैंकों का दौरा किया। बिना किसी योजना के तहत इसकी घोषणा खतरनाक है। बैंकों में 100 के नोट नहीं उपलब्ध है, इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए । 2 लाख से ज्यादा एटीएम बंद हैं जिससे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।’

ममता बनर्जी ने यह दावा भी किया कि सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के पास ही काला धन है। उन्होंने कहा, ’99 प्रतिशत लोगों को क्यों इसके लिए प्रताड़ित किया जा रहा है।’ ममता ने कहा कि यह सर्जिकल अराजकता है और प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों का भी कहना है कि इससे काले धन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि सरकार की 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को बैन करने के फैसले के बाद पूरा विपक्ष सरकार की आलोचना कर रहा है। यहां तक कि केंद्र और महाराष्ट्र में सत्ता में सहयोगी शिवसेना ने भी सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है।