पटना। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को उनकी कामयाबी के लिए बधाईयां दी हैं। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव को मोदी ज्ञान भी दिया। उन्होंने कहा कि दरअसल, नोटबंदी ने गरीबों को तसल्ली दी लेकिन, बीजेपी की विरोधी पार्टियों ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। दरसअल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर जेडीयू अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने हर जगह नोटबंदी का विरोध किया। लेकिन, मोदी के इस सबसे बड़े फैसले का विरोध ही इन लोगों को भारी पड़ गया।
हालांकि नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कांग्रेस को भी बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया और लिखा कि पंजाब में कांग्रेस को जीतने की बधाई। गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी बनने पर भी कांग्रेस पार्टी को बधाई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिस तरह से बिहार में महागठबंधन को कामयाबी मिली थी वो कामयाबी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को नहीं मिली है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चुनाव में नोटबंदी का विरोध करने कोई जरुरत नहीं थी। उनके मुताबिक नोटबंदी का जितना विरोध किया गया ये बात गरीबों को अच्छी नहीं लगा। उन्हें इसका विरोध बुरा लगा रहा था। शायद इसलिए कि मोदी के इस कदम से अमीरों पर सख्ती हुई थी। जो बात गरीबों को अच्छी लगी।
नीतीश कुमार ने कहा कि कई पार्टियों ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। जबकि उन्हें उन्हें इस बात को समझने की जरुरत थी। दरसअल, विपक्ष में सिर्फ नीतीश कुमार ही ऐसे इकलौते नेता था कि जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी का विरोध नहीं बल्कि इसका समर्थन किया था। उनकी पार्टी ने नोटबंदी के खिलाफ ना तो कोई प्रदर्शन किया और ना ही कहीं कोई विरोध किया। जबकि बिहार में महागठबंधन में शामिल जेडीयू और कांग्रेस पार्टी पहले दिन से ही नोटबंदी के विरोध में थी। इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं ने नोटबंदी के विरोध में संसद की कार्यवाही तक नहीं चलने दी थी। लालू प्रसाद यादव की पार्टी ने भी बंद का एलान किया था। लेकिन, वो भी बुरी तरह फ्लॉप हो गया था।
दरअसल, गरीबों और मध्यम वर्गीय लोगों में नोटबंदी के विरोध का सीधा मतलब ये गया कि राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव जैसे लोग नहीं चाहते हैं कि देश की ब्लैक मनी बाहर आए। बहरहाल, नीतीश कुमार ने अपनी राय जनता के सामने रख दी है। लेकिन, पता नहीं मोदी और भारतीय जनता पार्टी के विरोधी दलों को ये बात समझ में आती है या नहीं। बहरहाल, जनादेश ये जरुर साफ कर दिया है कि नोटबंदी से लेागों को बेशक दिक्कत हुई हो लेकिन, देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही खड़ी रही। ऐसे में कहा जा रहा है कि इस जनादेश के बाद प्रधानमंत्री देश हित में कुछ और भी बड़े फैसले ले सकते हैं। यकीनन अब वो समय आ गया है जब विपक्ष को जनता का मूड भांपना होगा ना कि उन पर अपनी राय थोपनी होगी।