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दीपक सिंघल के तबादले को लेकर मुलायम परिवार में मचा घमासान

mulam-deepak-singhalलखनऊ। देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने में मुलायम सिंह क्यों खफा हो गए अपने संस्कारी बेटे अखिलेश से ? इसके पीछे का राज क्या है ? असली वजह जानकर आप भी चौक जायेंगे. दरअसल यूपी के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को जब सीएम अखिलेश ने बर्खास्त किया तो वह अपना दुखड़ा रोने मुलायम की पत्नी साधना गुप्ता के पास जा पहुंचे और उन्होंने उनसे यह शिकायत करी कि मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने जानबूझ कर अदालत में उनके खिलाफ हलफनामा दिया है. जिसकी वजह से उनकी कुर्सी चली गयी है.

सूत्रों के मुताबिक इस बात को सुनते ही साधना गुप्ता ने दिल्ली में मौजूद पति मुलायम सिंह को फोन कर यह बात बताई और उन्हें तत्काल हटाये जाने कि मांग कर दी. जिसके चलते मुलायम सिंह ने अपने सीएम पुत्र अखिलेश को फोन लगाकर तत्काल दीपक सिंघल को मुख्य सचिव पद से हटाये जाने के आदेश दे दिए. बताया जाता है कि सिंघल से नाराज बैठे अखिलेश को जैसे ही यह आदेश मिला उन्होंने तत्काल प्रभाव से दीपक सिंघल का तबादला फरमान जारी कर दिया.

और तो और दीपक सिंघल उस दिन नोएडा में ही मौजूद थे और उन्हें जैसे ही अपने तबादले कि खबर मिली वह भागते हुए अपनी गाड़ी से दिल्ली में मौजूद नेताजी के पास मिलने जा पहुंचे. और उन्होंने नेताजी से मिलकर उन्हें बताया कि हलफनामा अदालत को भेजे जाने में उनका कोई कसूर नहीं है. वह तो प्रमुख सचिव न्याय के यहां से उनके कार्यालय में भेजा गया था. जिसे उन्होंने अदालत को भेज दिया. इसमें उनकी कोई गलती नहीं है.

यह बात सुनकर मुलायम हैरान हो गए और उन्होंने पहले गायत्री प्रजापति कि क्लास लगायी और उसके बाद अखिलेश को फोन लगाकर आदेश दिया कि दीपक सिंघल का तबादला रोक दिया जाये. लेकिन तब तक सीएम अखिलेश अपने खास आईएएस अफसर राहुल भटनागर को मुख्य सचिव पद पर तैनात कर चुके थे. इसलिए वह नेताजी से तबादला वापस न करने के आदेश पर अड़ गए. दरअसल सिंघल मुलायम के बहुत नजदीकि आईएएस में से एक हैं, लेकिन पत्नी साधना का निवेदन था. इसलिए उन्होंने आनन- फानन में आकर अखिलेश को उनका तबादला करने के आदेश दिए थे.

अखिलेश के नजदीकि सूत्रों कि मानें तो सांसद अमर सिंह और चाचा शिवपाल कि लॉबी द्वारा लाये गए दीपक सिंघल को शुरू से ही सीएम अखिलेश यादव पसंद नहीं थे. लेकिन नेताजी के आदेश के कारण वह बेबस थे. इसीलिए जैसे ही नेताजी का आदेश उन्हें सिंघल को हटाने का मिला उन्होंने तत्काल प्रभाव से उनका तबादला कर दिया. बताया जाता है कि बस इसी तबादला आदेश को सीएम अखिलेश ने जब वापस नहीं लिया और अपने बाप से इस बात को लेकर अड़ गए. बस यहीं से शुरू हुआ बाप बेटे के बीच घमासान.

बहरहाल अब ये घमासान कई लोगों के हस्तक्षेप के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही है. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद और टिकट बंटवारे की बागडोर अपने हाथ में दिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. इसी के चलते सोमवार को कई अन्य मामलों पर सहमति बनने के बाद भी बाप-बेटे के बीच इन दो शर्तों को लेकर पैचप नहीं हो सका.