बॉस्टन। प्रभावशाली नई वैश्विक ऊर्जा रणनीति के बिना जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार कार्बन उत्सर्जन बढ़ता रहेगा और इसका प्रभाव अगले दस हजार सालों तक रहेगा।
एक नए अध्ययन में इसकी चेतावनी दी गई है। रिसर्चर्स ने बताया कि बढ़ते वैश्विक तापमान, बर्फ की चादरों और ग्लैशियरों का पिघलना और समुद्री स्तर का बढ़ना, जलवायु परिवर्तन के उन परिणामों में शामिल है जिससे कि अंतत: समुद्रतटीय क्षेत्र जलमग्न हो जाएंगे।
इन क्षेत्रों मे फिलहाल एक करोड़ तीन लाख लोग रह रहे हैं। अमेरिका में बॉस्टन कॉलेज के जेरेमी शकुन ने बताया, ‘हमारा विश्लेषण बताता है कि इस सदी का वैश्विक तापन बर्फ युग के अंत से ज्यादा बड़ा होगा।’
अध्ययन केे लिए, स्टेट-ऑफ द आर्ट क्लाइमेट और आइस सीट मॉडल्स के आधार पर शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने बढ़ते तापमान, ग्लैशियरों के पिघलने, समुद्री जलस्तर बढ़ने और समुद्रतटीय बाढ़ के लिए नए मानकों का विकास किया है।